नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में दीवाली पर पटाखों के बाद आसमान धुंधला हो गया। इससे हवा जहरीली हो गई और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। प्रदूषण का स्तर या वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर स्तर तक पहुंच गया। वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाली IQAir ने दिल्ली का चौंकाने वाला दर्ज किया। वहीं, भारतीय के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने इससे काफी कम एक्यूआई बताया। यह 351 था जो कि बेदह खराब श्रेणी में था।
ऐसे में क्या सही है क्या गलत, इसको लेकर काफी असमंजस है। ये दोनों ही रीडिंग सही हैं हालांकि इनके कारण अलग-अलग हैं।
AQI क्या है?
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) एक उपकरण है जिसके जरिए वायु प्रदूषण के स्तर या वायु की गुणवत्ता को सरल शब्दों में बताने के लिए डिजाइन किया गया है। CPCB आठ प्रदूषकों पार्टिकुलेट मैटर (PM) 10, PM2.5, ओज़ोन (O3), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), लेड (Pb) और अमोनिया (NH3) किसी क्षेत्र का एक्यूआई निर्धारित करने में प्रमुख मानदंडों के रूप में कार्य करते हैं।
एनडीटीवी ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के सलाहकार मोहन जॉर्ज ने बताया कि एक्यूआई विभिन्न मानदंडों पर आधारित एक गणना सूचकांक है। उन्होंने कहा कि यह आम आदमी को वायु गुणवत्ता समझने में मदद करता है।
एक्यूआई के लिए अलग-अलग रंग की कोड सीमाएं होती हैं जिससे पता चलता है कि वायु गुणवत्ता कैसी है? यह बताया जा सके कि हवा अच्छी है, संतोषजनक है या फिर खराब है?
मिसाल के तौर पर 401-500 के बीच एक्यूआई गंभीर श्रेणी में है। यह एक्यूआई स्वस्थ लोगों के लिए भी खराब है और ऐसे में लोगों को बाहर जाने से बचना चाहिए।
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भारत में एक्यूआई का पैमाना 500 तक है। इसका मतलब है कि 500 से ऊपर एक्यूआई को गंभीर श्रेणी में रखा जाएगा। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य का आपातकाल संकेत देता है।
सीपीसीबी एक्यूआई को छह भागों में विभाजित करता है। इसमें 0-50 को अच्छा माना जाता है। इसी तरह 50-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को बहुत खराब और 401-500 को गंभीर माना जाता है।
IQAir में सख्त वर्गीकरण
दूसरी ओर, IQAir में इसका अधिक सख्त वर्गीकरण किया गया है। 0-50 को अच्छा, 51-100 को मध्यम, 101-150 को संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकर, 151-200 को अस्वास्थ्यकर और 201-300 को बहुत अस्वास्थ्यकर और 301 से ऊपर को खतरनाक माना जाता है।
जॉर्ज ने आगे बताया कि किसी शहर या स्टेशन के एक्यूआई की पहचान करते समय CPCB और IQAir दोनों ही प्रमुख प्रदूषक को देखते हैं। उत्तरी भारत के लिए आमतौर पर यह कणिकीय पदार्थ होता है और सर्दियों में PM 2.5, अति सूक्ष्म कणिकीय पदार्थ प्रमुख प्रदूषक होते हैं।
सीपीसीबी सरकारी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों से डेटा प्राप्त करती है। इसमें सीपीसीबी, डीपीसीसी, आईएमडी और आईआईटीएम द्वारा संचालित स्टेशन शामिल हैं।
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वहीं, IQAir सभी सरकारी स्रोतों और विभिन्न कंपनियों और यहाँ तक कि व्यक्तियों द्वारा स्थापित अन्य सेंसर-आधारित विश्लेषकों से डेटा प्राप्त करता है।
सीपीसीबी और IQAir दोनों ही एक्यूआई को मापने के लिए अलग-अलग विधियों का इस्तेमाल करते हैं। इसे एक उदाहरण के जरिए समझने का प्रयास करते हैं। माना कि किसी क्षेत्र में PM2.5 की सांद्रता 1,100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। IQAir कैलकुलेटर के अनुसार, उस क्षेत्र का AQI 2,043 होगा। लेकिन, CPCB कैलकुलेटर AQI को 1,054 दर्शाएगा।