Cyclone Montha: चक्रवात ‘मोंथा/मोन्था’ मंगलवार को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से टकराया, जिससे कई तटीय जिलों में तेज हवाएं और भारी बारिश हुई। 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चली हवाओं की वजह से कई पेड़ उखड़ गए, खेत पूरी तरह से डूब गए और सैकड़ों गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। हालांकि चक्रवात अब कमजोर पड़ चुका है, लेकिन इसका असर आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अब भी जारी है। पूरी स्थिति को 10 पाइंट्स में समझते हैं-
1. चक्रवात ‘मोंथा’ ने मंगलवार को शाम लगभग 7 बजे मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश के तट पर लैंडफॉल किया। इस दौरान इसकी अधिकतम निरंतर हवा की गति 90–100 किमी प्रति घंटे रही, जिसकी रफ्तार 110 किमी प्रति घंटे तक पहुँच गई थी। आईएमडी के अनुसार, यह तूफान कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में बदल गया है और बुधवार सुबह तक यह नरसापुर से लगभग 20 किमी पश्चिम-उत्तर-पश्चिम और काकीनाडा से 90 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित था।
2. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आंध्र प्रदेश के कोनासीमा जिले में एक पेड़ गिरने से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। इसी क्षेत्र में तेज हवाओं के कारण नारियल के पेड़ उखड़ने से एक लड़का और एक ऑटो चालक घायल भी हुए। वहीं, ओडिशा के गजपति जिले में भी एक घर गिरने की घटना में एक व्यक्ति घायल हुआ है।
3. आंध्र प्रदेश सरकार ने लगभग 76,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। यहां राहत कार्यों के लिए 219 से अधिक मेडिकल कैंप लगाए गए थे और मलबे तथा गिरे हुए पेड़ों को हटाने के लिए सरकार ने 1,447 अर्थमूवर, 321 ड्रोन और 1,040 चेनसॉ जैसे संसाधन तैनात किए थे। इसके अलावा, 865 टन पशु चारा की भी व्यवस्था की गई थी।
4. चक्रवात के कारण परिवहन सेवाएं व्यापक रूप से प्रभावित हुईं हैं। विशाखापत्तनम हवाई अड्डे पर 32 उड़ानें, विजयवाड़ा में 16 और तिरुपति में चार उड़ानें रद्द कर दी गईं। दक्षिण मध्य रेलवे ने अपने पूरे जोन में 120 ट्रेनें रद्द कीं, जबकि ईस्ट कोस्ट रेलवे ने कई सेवाओं का मार्ग बदला। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आंध्र प्रदेश के सात ज़िलों, जिनमें कृष्णा और काकीनाडा शामिल हैं, में वाहनों की आवाजाही पर कर्फ्यू लगाया गया था।
5. अधिकारियों ने बताया कि आंध्र प्रदेश में 38,000 हेक्टेयर से अधिक खड़ी फसलें और 1.38 लाख हेक्टेयर में बागवानी फसलें नष्ट हो गई हैं। आईएमडी ने चेतावनी दी है कि निचले जलमग्न इलाकों में धान और सब्ज़ियों के खेतों को और नुकसान हो सकता है। साथ ही, आईएमडी ने समग्र रूप से फसल को आंशिक क्षति होने की भी चेतावनी दी है।
6. चक्रवात ‘मोंथा’ की चपेट में ओडिशा के 15 जिले भी आए। मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने बताया कि 11,000 से अधिक लोगों को 2,048 चक्रवात आश्रयों में स्थानांतरित किया गया। एहतियाती तौर पर ओडिशा के नौ जिलों में स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र 30 अक्टूबर तक बंद रहेंगे।
7. ओडिशा के मालकानगिरि, कोरापुट, रायगडा, गजपति और गंजाम जैसे पहाड़ी और तटीय ज़िलों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ आई। कई क्षेत्रों में बड़े पत्थरों और गिरे हुए पेड़ों के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गईं, जिससे यातायात और राहत कार्यों पर असर पड़ा।
8. आईएमडी ने आज (बुधवार) के लिए ओडिशा और आंध्र प्रदेश हेतु रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी रखा है। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि चक्रवात प्रणाली के अंतर्देशीय बढ़ते हुए गहरे दबाव में बदलने के कारण, अगले कुछ दिनों में तेलंगाना, तमिलनाडु, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।
9. बुधवार, 29 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के तटों के साथ 35-45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चलने की संभावना है, जो 55 किमी प्रति घंटे तक पहुँच सकती हैं। उत्तर बंगाल (मालदा, दिनाजपुर, जलपाईगुड़ी) में हल्की बारिश की संभावना है, जबकि दक्षिण बंगाल (दक्षिण 24 परगना, झाड़ग्राम, पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर) में भारी बारिश (7-11 सेमी) और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। शुक्रवार को जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग, कूचबिहार, दार्जिलिंग और अलीपुरद्वार के लिए ‘भारी से बहुत भारी बारिश’ के कारण ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
10. आईएमडी ने पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और निचले इलाकों में जलभराव की चेतावनी दी है। इसके अतिरिक्त, विशेषकर खुले मैदानों में बिजली गिरने की भी संभावना व्यक्त की गई है, जिससे यातायात बाधित हो सकता है। मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे कम से कम गुरुवार तक पश्चिम बंगाल के तटों के पास और दूर समुद्र में न जाएँ।

