नोम पेन्ह: मानव तस्करों द्वारा भारतीयों को कंबोडिया में फर्जी नौकरी की पेशकश कर उन्हें ऑनलाइन वित्तीय घोटालों और साइबर अपराधों में फंसाया जा रहा है। यह दावा इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, स्कैमरों के आईपीडीआर (इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड) से उनके लोकेशन की पहचान हुई है जो कंबोडिया, म्यांमार और वियतनाम जैसे देशों में ट्रेस हुई हैं। स्कैम के जरिए फ्रॉड किए गए पैसों को दुबई और वियतनाम जैसे देशों के एटीएम से निकाले जा रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंबोडिया, म्यांमार और वियतनाम में स्थित स्कैमर अपने बंदों के लिए भारतीय सिम कार्ड ऑर्डर कर रहे हैं। दावा यह भी है कि हाल में लगभग 45 हजार सिम कार्ड कंबोडिया और म्यांमार भेजे गए हैं जिसकी जानकारी मिलने के बाद भारतीय अधिकारियों द्वारा उन्हें नष्ट किया गया है।
भारत में लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध के मामले में गृह मंत्रालय ने कंबोडिया, म्यांमार, वियतनाम, लाओस और थाईलैंड जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को इन गतिविधियों के लिए हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना है।
इसी कड़ी में मार्च में उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स ने डिजिटल घोटालों में संचार के इस्तेमाल के लिए डिजाइन किए गए तीन हजार मशीन-टू-मशीन (एम2एम) सिम कार्ड को जब्त किए थे।
कंबोडिया में भारतीय दूतावास ने क्या चेतावनी दी है
कई मीडिया रिपोर्ट में यह दावे किए गए हैं कि स्कैमरों के एजेंट भारतीय नागरिकों को खास कर दक्षित भारत के बेरोजगार युवाओं को विदेश में विशेष रूप से कंबोडिया में नौकरी का झांसा देकर उन्हें साइबर अपराध में शामिल कर रहे हैं।
इस पर हाल में कंबोडिया में भारतीय दूतावास ने एक चेतावनी जारी की है जिसमें नौकरी चाहने वालों युवाओं से यहां पर पर्यटक वीजा पर आकर नौकरी तलाशने से मना किया है। दूतावास ने कहा है कि कंबोडिया में पर्यटक वीजा पर आकर नौकरी करना एक अपराध है।
दूतावास ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि टूरिस्ट वीजा पर कंबोडिया आने वाले बेरोजगार युवा मानव तस्करों के जाल में फंस रहे हैं। उन्हें आकर्षक नौकरियों के झूठे वादों का लालच देकर वहां पहुंचने के बाद उन्हें ऑनलाइन घोटालों और अवैध गतिविधियों में धकेल दिया जा रहा है।
गृह मंत्रालय की साइबर विंग की रिपोर्ट क्या कहती है
गृह मंत्रालय की साइबर विंग की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्कैमर हर रोज करीब छह करोड़ रुपए का फ्रॉड कर रहे हैं। 2024 के पहले 10 महीने की अगर बात करें तो भारतीयों के साथ अब तक 2140 करोड़ रुपए का फ्रॉड हो चुका है।
रिपोर्ट में दावा है कि स्कैमर कंबोडिया में चीनी कैसीनो के कॉल सेंटरों से इन अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। पिछले महीने तक साइबर विंग ने डिजिटल अरेस्ट के करीब 92,334 मामले दर्ज किए हैं।