सियोल: कोरियाई भाषा की लेखिका हान कांग को साल 2024 के नोबेल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। स्वीडेन के नोबेल न्यास ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। हान कांग यह पुरस्कार जीतने वाली पहली एशियाई महिला हैं। पुरस्कार मिलने के साथ ही वह दक्षिण कोरिया की पहली नोबेल साहित्य पुरस्कार विजेता भी बन गयी हैं।

नोबेल न्यास में सोशलमीडिया एक्स पर अपने आधिकारिक अकाउंट से कई पोस्ट भी किए हैं। पुरस्कार मिलने पर हान ने भी अपनी आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक पोस्ट किया है और इसके लिए नोबेल न्यास का पुरस्कार के लिए आभार व्यक्त किया।

नोबेल न्यास द्वारा पुरस्कार के साथ प्रस्तुत प्रशस्ति में कहा गया है, " हान कांग अपने गहन काव्यात्मक गद्य के लिए जानी जाती हैं। उनका गद्य मानव जीवन की क्षणभंगुरता को उजागर करता है।" हान कांग ने अपनी साहित्यिक यात्रा साल 1993 से शुरू की थी। उनके प्रमुख किताबों में द वेजिटेरियन, द व्हाइट बुक, ह्यूमन एक्ट्स और ग्रीक लेसन्स शामिल हैं।

नोबेल पुरस्कार की शुरुआत स्वीडेन की संस्था नोबेल फाउण्डेशन ने वर्ष 1901 में की थी। पहले ये पुरस्कार भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान और साहित्य विषयों में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिये जाते थे। बाद में इसमें अर्थशास्त्र और शान्ति के नोबेल पुरस्कार भी जोड़े गये।

वर्ष 2023 में यह पुरस्कार नॉर्वे के लेखक जॉन ओलाव फॉसे को उनके नाटकों और गद्य के लिए दिया गया था।

कौन हैं हान कांग

हान कांग का जन्म सन 1970 में दक्षिण कोरिया के शहर ग्वांगजू में हुआ था। जब वे छोटी थी तभी उनका परिवार ग्वांगजू से सियोल में शिफ्ट हो गया था। हान के पिता एक प्रतिष्ठित उपन्यासकार हैं। साहित्य के आलावा उनका कला और संगीत में भी रुचि है।

साल 1993 में उन्होंने अपनी साहित्यिक यात्रा कोरिया की पत्रिका साहित्य और समाज से शुरू की थी। इस दौरान उनके कई कविताएं इसमें प्रकाशित भी हुई थी।

हान ने साल 1995 में गद्य की शुरुआत की थी जिसमें उन्होंने लव ऑफ येओसु नामक एक लघु कहानी संग्रह जारी किया था। सन 1995 के बाद से उन्होंने उपन्यासों और लघु कथाओं को लिखना जारी रखा था।

हान को प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सफलता साल 2007 में मिली थी जब उन्होंने उपन्यास द वेजीटेरियन को लिखा था। इस उपन्यास का अंग्रेजी अनुवाद सन 2015 में हुआ था। यह उपन्यास तीन भागों में विभाजित किया गया है।

उपन्यास द वेजीटेरियन ओंग-हे की कहानी बताता है जो मांस नहीं खाने का फैसला करती है। उसके इस फैसले के कारण उसे अलग-अलग प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ता है।

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साल 1901 से लगातार दिया जा रहा है यह पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार का ऐलान कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के 50 प्रोफेसरों की नोबेल असेंबली की ओर से हर साल किया जाता है। अलग-अलग क्षेत्र में योगदान देने वाली हस्तियों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

साहित्य में नोबेल पुरस्कार पाने वाले को 915,000 डॉलर (लगभग 7 करोड़ 50 लाख 30 हजार रुपए) की राशि दी जाती है। यह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है।

डायनामाइट का आविष्कार करने वाले स्वीडेन के रसायनज्ञ अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत का पालन करते हुए यह पुरस्कार दिया जाता है। साल 1901 से हर साल यह पुरस्कार दिया जाता है। यह सम्मान भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में दिया जाता है।