बेंगलुरुः कर्नाटक की विशेष अदालत ने कांग्रेस विधायक सतीश सैल को बेलकेरी बंदरगाह से अवैध लौह अयस्क निर्यात के मामले में दोषी पाते हुए सात साल की सजा और 44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। 2009-10 में हुए इस अवैध निर्यात के लिए सैल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ 2014 में मामला दर्ज हुआ था। इस फैसले के बाद सैल पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अयोग्य घोषित किए जाने का भी खतरा मंडरा रहा है।
धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के तहत दोषी करार
विशेष अदालत के जज संतोष गजानन भट ने सैल को छह मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का दोषी पाते हुए सजा सुनाई। इसके अलावा, आईपीसी की धारा 120बी के तहत आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में पांच साल की सजा और 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके साथ ही, आईपीसी की धारा 379 के तहत चोरी के आरोप में तीन साल की सजा और 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
महेश बिलिये और अन्य आरोपी भी दोषी
साथ ही, पूर्व उप संरक्षक महेश बिलिये को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत तीन साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सैल के स्वामित्व वाली मल्लिकार्जुन शिपिंग कंपनी और अन्य आरोपियों को भी जुर्माने के साथ सजा सुनाई गई। इन सभी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सीबीआई ने जांच की थी, जिसमें अवैध लौह अयस्क निर्यात का मामला सामने आया था।
बिना परमिट के लौह अयस्क का अवैध निर्यात
कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा 2010 में की गई प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि लगभग 8 लाख टन लौह अयस्क बिना किसी कानूनी अनुमति के बेल्लारी से बेलकेरी बंदरगाह तक पहुंचाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में सीबीआई को आदेश दिया कि इस अवैध खनन और निर्यात की गहन जांच की जाए। इस मामले में सैल के अलावा कई कंपनियों और एजेंसियों की मिलीभगत सामने आई, जिन्होंने इस अवैध गतिविधि को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अदालत का टिप्पणी: उच्च पद पर आचरण आदर्श होना चाहिए
अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हालांकि सैल ने यह अपराध विधायक के रूप में नहीं किया था, फिर भी यह अपेक्षित है कि उच्च पदों पर बैठे लोग समाज के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करें, न कि जनता के साथ धोखाधड़ी करने का।” अदालत ने सभी आरोपियों पर कुल 44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया, जो राज्य सरकार के खाते में जब्त किया जाएगा।
जुर्माने में सबसे बड़ा योगदान स्वस्तिक स्टील की धोखाधड़ी
अदालत ने स्वस्तिक स्टील द्वारा किए गए धोखाधड़ी मामले में 9.52 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा जुर्माना लगाया। आरोप है कि स्वस्तिक स्टील ने बेल्लारी क्षेत्र से लौह अयस्क निकालकर इसे बिना अनुमति के निर्यात किया। अन्य मामलों में भी लाखों रुपये के जुर्माने लगाए गए हैं।