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कांगो हिंसाः 4 लाख से अधिक विस्थापित, यूएन अधिकारी ने कहा तेजी से बिगड़ रहे हैं हालात

संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो (डीआरसी) में बढ़ती हिंसा पर चिंता व्यक्त की। यूएन की सहायक महासचिव जॉयस मसूया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक आपातकालीन बैठक में कहा, ‘स्थिति तेजी से बिगड़ रही है।’

मसूया ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में सैकड़ों नागरिक मारे गए या घायल हुए हैं, हजारों लोग गोलाबारी से बचने के लिए अपने घरों या शेल्टर से भाग गए हैं।

एम23 विद्रोहियों की बढ़त के कारण तनाव बढ़ा

उत्तरी किवु और दक्षिणी किवु प्रांतों में एम23 विद्रोहियों की हालिया बढ़त के कारण तनाव बहुत बढ़ गया है। विद्रोहियों ने साके पर कब्जा कर लिया है। यह शहर उत्तरी किवु की राजधानी और एक प्रमुख क्षेत्रीय केंद्र गोमा से पहले सरकारी बलों के लिए अंतिम बचाव गढ़ माना जाता है।

शांति अभियानों के लिए यूएन के अवर महासचिव जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र टकराव के फिर से शुरू होने से बहुत परेशान है। युक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि यूएन प्रमुख, ‘पूर्वी डीआरसी में बढ़ती हिंसा से बहुत चिंतित हैं।’ गुटेरेस ने तत्काल युद्धविराम की अपील की है।

4 लाख से अधिक लोग विस्थापित

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी कांगो में 2025 की शुरुआत से 400,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जहां कांगो सेना और सशस्त्र समूहों के बीच संघर्ष तेज हो गया है।

इससे पहले 25 जनवरी को, संयुक्त राष्ट्र ने बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के कारण कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में उत्तर किवु प्रांत की राजधानी गोमा से गैर-आवश्यक कर्मचारियों को अस्थायी रूप से हटाने का फैसला किया है। नांतरण उत्तर किवु में मानवीय सहायता प्रदान करने और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से समझौता नहीं करेगा।

संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह फैसला प्रशासनिक कर्मचारियों और उन लोगों को प्रभावित करेगा जो अपने कार्यों को दूर से भी पूरा कर सकते हैं।

बयान के मुताबिक इस आदेश की वजह से उत्तर किवु में मानवीय मदद पहुंचाने, नागरिकों की सुरक्षा के प्रति यूएन की प्रतिबद्धता से कोई समझौता नहीं होगा।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, खाद्य वितरण, मेडिकल मदद, शेल्टर और कमजोर समुदायों की सुरक्षा सहित महत्वपूर्ण कार्यों को जारी रखने के लिए आवश्यक कर्मचारी जमीन पर ही मौजूद हैं। सुरक्षा स्थिति के बेहतर होने पर अस्थायी ट्रांसफर का फिर से आकलन किया जाएगा।

IANS
Indo-Asian News Service (IANS) भारत की एक निजी समाचार एजेंसी है। यह विभिन्न विषयों पर समाचार, विश्लेषण आदि प्रदान करती है।

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