अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में घट रही युवा आबादी पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि यहां के जिलों और गांवों में सबसे ज्यादा बुजुर्गों की आबादी है जो राज्य के लिए एक चिंता का कारण बन रही है।
ऐसे में नायडू ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जन्म देने की अपील की है। राज्य में बढ़ रहे बुजुर्गों के संख्या को देखते हुए उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार एक कानून लाने पर विचार कर रही है। यह कानून उन लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की इजाजत देगी जिनके दो या फिर उससे अधिक बच्चे होंगे।
नायडू ने भारत की औसत जनसंख्या वृद्धि में गिरावट पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि यह 1950 के दशक में 6.2 प्रतिशत से घटकर साल 2021 में 2.1 हो गई है। यह आंकड़े आंध्र प्रदेश में और भी खराब हैं, यहां पर यह घटकर 1.6 प्रतिशत हो गई है।
सीएम ने आगे कहा है कि हमारे पास अभी भी समय है नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब हमारी हालत भी जापान, चीन और यूरोपीय देशों जैसी हो जाएगी।
बढ़ती उम्रदराज आबादी पर चंद्रबाबू नायडू ने क्या कहा है
नायडू ने शनिवार को अमरावती में एक निर्माण कार्य को फिर से शुरू करने के बाद यह बयान दिया है। इस दौरान सीएम नायडू ने कहा है, “हम ज्यादा बच्चों वाले परिवारों को प्रोत्साहन देने, दंपत्तियों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के बारे में सोच रहे हैं। हमने दो से ज्यादा बच्चों वाले लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से रोकने वाले पहले के कानून को रद्द कर दिया है। हम केवल दो से ज्यादा बच्चे वाले लोगों को ही चुनाव लड़ने के योग्य बनाने के लिए एक नया कानून लाएंगे।”
सीएम के अनुसार, राज्य के कई जिलों और गांवों में अधिकतर बुजुर्ग लोग ही रह रहे जबकि युवा आबादी देश के अन्य राज्य या विदेश चले गए हैं। उन्होंने कहा है कि हम घटती युवा आबादी से पहले से ही घाटा में और अगर अभी इस पर ध्यान नहीं दिया गया है तो आगे हालात और भी खराब हो सकते हैं।
साल 2047 के बाद हालात हो जाएंगे बेकाबू-आंध्र प्रदेश सीएम
बुजुर्गों की बढ़ती आबादी पर बोलते हुए चंद्रबाबू नायडू ने आगे कहा है कि हमारे पास केवल साल 2047 तक का ही समय है। इसके बाद आंध्र प्रदेश में युवाओं के मुकाबले बुजुर्गों की संख्या ज्यादा हो जाएगी।
सीएम ने इस स्थिति की तुलना जापान, चीन और यूरोप जैसे देशों से की है और कहा है कि पहले यहां भी ध्यान नहीं दिया गया था। इस कारण यहां पर अब हालात काफी खराब हो गए हैं और यहां पर अब बुजुर्गों की बढ़ती आबादी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है।
नायडू के अनुसार, समाज और राष्ट्र सेवा के लिए युवाओं की जरूरत पड़ती है, ऐसे में उन्होंने लोगों को ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जन्म देने के लिए प्रोत्साहित किया है। इससे पहले नायडू ने आंध्र प्रदेश की जनसंख्या औसत आयु पर बोलते हुए इसे फिलहाल 32 साल बताया था जिसे साल 2047 में 40 वर्ष हो जाने की बात कही थी।
सीएम नायडू ने आगे कहा कि वे एक समय में जनसंख्या नियंत्रण के कट्टर समर्थक थे और वे यह सोचते थे कि ज्यादा आबादी के कारण राज्य में संसाधनों की कमी हो जाएगी। इसलिए वे लोगों को जनसंख्या कम करने की सलाह देते थे। लेकिन पिछले 10 सालों में अब हालात ऐसे हो गए हैं कि राज्य युवा आबादी की भारी कमी का सामना कर रहा है।
दो बच्चों वाली नीति हुई खत्म
इससे पहले साल 1994 से चलती आ रही दो बच्चों वाली नीति को आंध्र प्रदेश सरकार ने खत्म करने का ऐलान किया था। इसके बाद सात अगस्त को इस नीति को रद्द कर दिया गया था।
यह नीति दो से अधिक बच्चे वाले शख्स को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं देता था। राज्य में घटती प्रजनन दर जैसी अन्य समस्याओं को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया था।
इस तरह की नीति केवल आंध्र प्रदेश में ही नहीं थी बल्कि दक्षिण भारत के कई अन्य राज्यों में जैसे महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक और गुजरात में अभी भी लागू है। ऐसे में अब राज्य सरकार घटती युवा आबादी के मद्देनजर, राज्य में इस नीति के विपरित कानून लाने की योजना बना रही है।