Thursday, October 16, 2025
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ब्रिटेन में नागा मानव अवशेषों की नीलामी रोकने के लिए सीएम नेफियू रियो ने केंद्र से मांगी मदद

गुवाहाटीः नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने ब्रिटेन में एक नगा मानव खोपड़ी की नीलामी को रोकने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। रियो ने इस नीलामी को “मानवता का अपमान” और “नगाओं पर उपनिवेशवाद के निरंतर अत्याचार” के रूप में वर्णित किया है।

यह नीलामी स्वान फाइन आर्ट की वेबसाइट पर सूचीबद्ध थी, जिसमें 19वीं सदी की सींग वाली नगा मानव खोपड़ी की नीलामी बुधवार को होनी थी, लेकिन इसे मंगलवार शाम को वेबसाइट से हटा दिया गया। हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि नीलामी को आधिकारिक रूप से रद्द किया गया है या केवल वेबसाइट से हटाया गया है।

विभिन्न वैश्विक संस्कृतियों से संबंधित मानवविज्ञान और पुरातत्व को सहेजने वाले ऑक्सफोर्ड के पिट रिवर्स म्यूजियम ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि “हमें बताया गया है कि नगा पूर्वजों के अवशेष अब नीलामी से हटा दिए गए हैं।”

पिट रिवर्स म्यूजियम की निदेशक लौरा वैन ब्रोकहोवेन ने भी एक्स पर एक अन्य पोस्ट में स्वान फाइन आर्ट से आग्रह किया कि न सिर्फ नगा बल्कि शुआर, दयाक, कोटा, फॉन, विलि और अन्य समुदायों जैसे पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीप, नाइजीरिया, कांगो, इक्वाडोर, नागालैंड, बेनिन आदि के लोगों के मानव और पूर्वजों के अवशेषों को नीलामी से तुरंत हटा लिया जाए।

कैलिफोर्निया में स्थित नगा मानवविज्ञानी प्रोफेसर डॉली किकोन ने सोमवार को इस नीलामी को एक्स पर हाइलाइट करते हुए कहा, “नगा पूर्वजों के मानव अवशेष अभी भी 21वीं सदी में संग्रहणीय वस्तुएं बने हुए हैं।” उन्होंने 19वीं सदी की सींग वाली नगा मानव खोपड़ी का जिक्र किया था।

‘फोरम फॉर नागा रिकंसिलिएशन’ दी सूचना

नेफियू रियो ने जयशंकर को लिखे पत्र में बताया कि चर्च नेताओं और नागा समाज के प्रतिनिधियों के संगठन ‘फोरम फॉर नागा रिकंसिलिएशन’ (FNR) द्वारा उन्हें सूचित किया गया था कि नगा मानव अवशेषों की नीलामी ब्रिटेन में की जा रही है।

इस मामले ने नागालैंड और देशभर में नाराजगी पैदा कर दी है, क्योंकि इसे नगा समुदाय के लिए एक गंभीर सांस्कृतिक अपमान और औपनिवेशिक इतिहास का दुखद प्रतीक माना जा रहा है। नागा समाज और अन्य संगठनों ने इसे रोकने के लिए सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपील की है।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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