इस्लामाबाद: चीन ने अपने नागरिकों पर हो रहे आतंकी हमलों को लेकर पहली बार पाकिस्तान को सख्त लहजे में संदेश दिया है। पाकिस्तान में चीनी राजदूत जियांग जाइडॉन्ग (Jiang Zaidong) ने इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में कहा कि छह महीने में दो बार चीनी नागरिकों को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाया गया और चीन यह ‘स्वीकार’ नहीं करेगा। चीन की ओर से पाकिस्तान को लेकर इस तरह सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताना एक दुर्लभ बात है। पाकिस्तान में मार्च के बाद से आत्मघाती हमलों में सात चीनी नागरिक हताहत हुए हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार बीजिंग और इस्लामाबाद के द्विपक्षीय संबंधों पर ये तनाव खुलकर तब सामने आया, जब पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने इसी कार्यक्रम में एक अजीबोगरीब बात कह दी। डार ने दावा किया कि उनका देश ही एकमात्र ऐसा देश है जहां चीन सुरक्षा चिंताओं के बावजूद अपने नागरिकों को भेजेगा।
चीनी अधिकारियों द्वारा अपने पाकिस्तानी समकक्षों को कथित तौर पर कही गई एक बात का उल्लेख करते हुए डार ने ऐसा दावा किया। बकौल डार चीन के अधिकारियों ने कहा था, ‘चीनी बहुत स्पष्ट हैं, चाहे कहीं भी निवेश का कितना भी आकर्षक अवसर क्यों न हो, अगर कोई सुरक्षा मुद्दा है, तो वे चीनी कर्मियों को नहीं भेजते हैं। आपका देश एकमात्र अपवाद है।’
डार ने यह बात इस सप्ताह इस्लामाबाद स्थित एक स्वतंत्र थिंक टैंक, पाकिस्तान-चीन इंस्टट्यूट द्वारा आयोजित एक सेमिनार में कही थी।
डार के दावों की चीनी राजदूत ने खोली पोल
डार के बयान के बाद इसी कार्यक्रम में मौजूद चीनी राजदूत जियांग जाइडोंग ने उनकी कही बातों की पोल खोल दी। चीनी राजदूत ने कहा, ”राष्ट्रपति शी (जिनपिंग) के लिए चीनी नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है।’ उन्होंने कहा कि बीजिंग ने शी के हाल में पाकिस्तान सरकार के साथ चर्चा के दौरान अपनी प्राथमिकताओं को दोहराया था।
चीनी राजदूत ने कहा कि चीनी नागरिकों को निशाना बनाने वाली हिंसा बीजिंग के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत निवेश पर पुनर्विचार का कारण बन रही है। राजनयिक ने आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए इस्लामाबाद को प्रभावी उपाय करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
चीनी राजदूत के बयान पर पाक विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
एक कार्यक्रम में हुई इन बयानबाजियों के बाद पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रतिक्रिया भी सामने आई। पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने गुरुवार को चीनी राजदूत के बयान को ‘हैरान करने वाला’ और मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने के लिए लंबे समय से चले आ रहे राजनयिक मानदंडों से बिल्कुल अलग बताया।
कुल मिलाकर देखा जाए तो चीनी इंजीनियरों और श्रमिकों से जुड़ी कथित सुरक्षा विफलताओं को लेकर चीनी अधिकारी शायद ही कभी इस तरह सार्वजनिक तौर पर कड़े लहजे का इस्तेमाल करते नजर आए हैं। यही नहीं, चीन की ओर से हुई आलोचना पर पाकिस्तान की सार्वजनिक प्रतिक्रिया भी कम चौंकाने वाली नहीं है। इस पूरे प्रकरण से यह भी स्पष्ट है कि चीनी लोगों के खिलाफ पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में हालिया वृद्धि से बीजिंग की सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं।
पाकिस्तान में आतंकियों के निशाने पर चीनी!
इस महीने की शुरुआत में कराची हवाई अड्डे के पास एक आत्मघाती हमले में दो चीनी नागरिक मारे गए और 10 अन्य घायल हो गए थे। इस घटना के लिए बाद में प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने जिम्मेदारी ली थी। वहीं, मार्च में उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बेशम क्षेत्र में एक आत्मघाती बम विस्फोट में पांच चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई थी। एक दशक पहले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना शुरू करने के बाद से पाकिस्तान में इक्कीस चीनी श्रमिक अभी तक मारे गए हैं।