श्रीनगर: मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर गांव में जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण स्थल पर रविवार देर रात हुए आतंकी हमले में क्या चीन की भी कोई भूमिका थी? इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल, इस हमले को लेकर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) के एक बयान में चीनी एंगल की बात कही गई है। इस हमले में एक डॉक्टर समेत छह मजदूरों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा माने जाने वाले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
जेड-मोड़ परियोजना पर हमले में चीनी एंगल की बात क्यों?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पीएएफएफ ने असल में अपने बयान में जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण में लगे मजदूरों पर हमले के लिए टीआरएफ की प्रशंसा की है। पीएएफएफ ने बयान में दावा किया कि हमले का उद्देश्य पूर्वी सीमा की ओर भारतीय सैन्य तैनाती को बाधित करना था। साथ ही कहा गया कि यह (जेड-मोड़ प्रोजेक्ट) ‘हमारे सैन्य हितों और हमारे चीनी मित्रों के खिलाफ’ था।
वैसे, चीन और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक सहयोग के बारे में पूरी दुनिया जानती है। दोनों ही भारत के लिए मुश्किलें भी खड़ी करते रहे हैं। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने कहा कि पीएएफएफ के बयान के अलावा बीजिंग की भागीदारी को साबित करने के लिए कोई और सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘चीनी मित्रों’ का संदर्भ कर पीएएफएफ ने अपने लक्ष्यों को चीन के हितों के साथ जोड़कर दिखाने का प्रयास भर किया है।
गौरतलब है कि, श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर 6.5 किमी लंबी यह सुरंग एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिसे कश्मीर और लद्दाख के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। यूपी स्थित एपीसीओ इंफ्राटेक इस सुरंग का निर्माण कर रही है और इसका उद्घाटन नवंबर की शुरुआत में होना है। अधिकारियों ने कहा कि परियोजना तय समय पर पूरी हो जाएगी।
टीआरएफ ने दिया था हमले को अंजाम
लश्कर के विंग टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया था कि उसके फाल्कन स्क्वाड (Falcon Squad) ने निर्माण स्थल को निशाना बनाया। आतंकी संगठन ने कहा कि यह परियोजना मुख्य रूप से सैन्य परिवहन के लिए है। टीआरएफ ने स्थानीय और गैर-स्थानीय लोगों को ‘ऐसी अवैध परियोजनाओं’ पर काम करने से बचने की चेतावनी भी दी और कहा कि वह इसी तरह आगे भी ऐसे प्रोजेक्ट को निशाना बनाता रहेगा।
खुफिया अधिकारियों के अनुसार यह हमला टीआरएफ प्रमुख शेख सज्जाद गुल के आदेश के तहत किया गया था। गुल पर 2022 में एनआईए ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। आतंकियों ने रविवार रात लगभग 8.15 बजे निर्माण स्थल के पास हमला किया था। दो से तीन आतंकी इस हमले में शामिल थे और स्वचालित हथियारों से लैस थे। आतंकियों ने जब यह हमला किया था, तब मजदूर रात के खाने के लिए मेस वाले क्षेत्र में इकट्ठा हुए थे।
मारे गए लोगों में बिहार के तीन श्रमिक – फहीम नासिर, मोहम्मद हनीफ और अब्दुल कलीम के साथ-साथ मध्य प्रदेश के अनिल शुक्ला, पंजाब के गुरुमीत सिंह, जम्मू के आर्किटेक्चरल इंजीनियर शशि भूषण अब्रोल और कश्मीर के बडगाम जिले के डॉ शाहनवाज अहमद डार शामिल हैं।