वाशिंगटनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (21 सितंबर) को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की और अपने तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के पहले दिन क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
यह शिखर सम्मेलन विलमिंगटन, डेलावेयर में आयोजित किया गया। इस बैठक में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये के बीच महत्वपूर्ण बातचीत हुई। साथ ही भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपणों और परमाणु प्रोग्राम की निंदा की। उन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप के ‘पूर्ण’ परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
1. क्वाड का उद्देश्य: किसी के खिलाफ नहीं, सबके लिए
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि क्वाड का उद्देश्य किसी भी देश के खिलाफ नहीं है। दुनिया में बढ़ते तनाव और विवादों के बीच क्वाड सदस्य देशों को लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सब नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मुक्त, समावेशी और समृद्ध विकास क्वाड के साझा लक्ष्य हैं। बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज भी शामिल थे।
2. चीन के आक्रामक रवैये पर चिंता
क्वाड नेताओं ने चीन के आक्रामक रवैये पर गंभीर चिंता व्यक्त की। बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और समुद्री क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना आवश्यक है। उन्होंने दक्षिण चीन सागर में चीन द्वारा सैन्यकरण और खतरनाक युद्धपोत संचालन की निंदा की। नेताओं ने जोर दिया कि समुद्री विवादों का समाधान अंतरराष्ट्रीय कानूनों के आधार पर शांतिपूर्ण तरीकों से होना चाहिए।
3. चीन को लेकर बाइडन की ‘हॉट माइक’ टिप्पणी
राष्ट्रपति बाइडन की कुछ टिप्पणियां माइक पर अनजाने में रिकॉर्ड हो गईं, जिसमें उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बारे में कहा। बाइडन ने कहा कि चीन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने हितों को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और चीनी राष्ट्रपति अपने घरेलू आर्थिक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और क्षेत्र में विभिन्न मोर्चों पर हमें परख रहे हैं।
4. उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा
उत्तर कोरिया ने पिछले दिनों से अपने कई कारनामों से कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ा दिया है। इसमें प्योंगयांग द्वारा यूरेनियम एनरिचमेंट फैसिलिटी का खुलासा, हथियारों की लगातार टेस्टिंग, कठोर बयानबाजी और दक्षिण कोरिया में कचरे से भरे गुब्बारे छोड़ने जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापानी पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीज ने शनिवार क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान जारी इसकी निंदा की। बयान में कहा गया, “हम उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनेक प्रस्तावों (यूएनएससीआर) का उल्लंघन करते हुए परमाणु हथियारों को पाने की निरंतर कोशिश की निंदा करते हैं। ये प्रक्षेपण अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं।”
5. स्वास्थ्य से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर तक की सहयोग पहल
क्वाड के तहत कई महत्वपूर्ण पहल की गईं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
क्वाड कैंसर मूनशॉट: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जीवन बचाने के उद्देश्य से भारत द्वारा $7.5 मिलियन ( 62.61 करोड़ रुपये) की सहायता से कैंसर के निदान और टीके प्रदान किए जाएंगे।
क्वाड-अट-सी मिशन: समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए 2025 में पहली बार यह मिशन आयोजित किया जाएगा।
क्वाड सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन नेटवर्क: सेमीकंडक्टर की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए एक सहयोग नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार: नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को और अधिक प्रतिनिधि और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
6. बाइडन-मोदी मुलाकात: मजबूत संबंधों की दिशा
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से मुलाकात के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों को और गहरा करने पर बल दिया। मोदी ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी आज पहले से कहीं अधिक मजबूत, निकट और गतिशील है।” बाइडन ने इस मुलाकात को बेहद सकारात्मक बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच नई सहयोग परियोजनाओं पर बातचीत हुई।
7. भारत को प्राचीन धरोहरों की वापसी
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान अमेरिका ने भारत को 297 प्राचीन वस्तुएं वापस सौंपीं, जो अवैध रूप से देश से तस्करी कर बाहर ले जाई गई थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वापस लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
8. बांग्लादेश की स्थिति पर चर्चा
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पुष्टि की कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा हुई। इससे पहले, दोनों नेताओं ने टेलीफोन पर बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की स्थिति पर भी बातचीत की थी।