बीजिंगः शीर्ष चीनी अनुसंधान संस्थानों ने कथित रूप से मेटा के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध लामा मॉडल का उपयोग कर एक ऐसा एआई टूल विकसित किया है, जो सेना में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त हो सकता है। तीन अकादमिक शोध पत्रों और विश्लेषकों के अनुसार, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अंतर्गत आने वाले ये संस्थान मेटा के एआई मॉडल का सैन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग कर रहे हैं।
रॉयटर्स द्वारा जून में समीक्षा किए गए पेपर में पीएलए के प्रमुख शोध निकाय, ‘एकेडमी ऑफ मिलिट्री साइंस’ (एएमएस) के दो अनुसंधान संस्थानों के छह चीनी शोधकर्ताओं ने बताया कि कैसे उन्होंने मेटा के लामा मॉडल के शुरुआती संस्करण का उपयोग “चैटबीआईटी” नामक एक सैन्य-केंद्रित AI टूल के रूप में किया।
इन शोधकर्ताओं ने मेटा के पहले के लामा 13B बड़े भाषा मॉडल (LLM) को आधार बनाकर उसमें अपने अनुकूलित पैरामीटर शामिल किए। इसका उद्देश्य एक ऐसा सैन्य-केंद्रित AI टूल बनाना था, जो खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, सैन्य निर्णय लेने में सक्षम हो।
चैटजीपीटी-4 जितना सटीक है चीनी एआई टूल
इस “चैटबिट” एआई टूल को बाचतीत करने और सवाल-जवाब जैसे कार्यों के लिए बेहतर रूप में डिजाइन किया गया है। कहा जा रहा है कि यह OpenAI के चैटजीपीटी-4 जितना सटीक है। हालांकि, इस एआई मॉडल की पूरी क्षमता और इसके सेवा में उपयोग की पुष्टि नहीं की गई है।
जेम्सटाउन फाउंडेशन के साथी और उभरती चीनी तकनीकों के विशेषज्ञ सनी चेउंग के अनुसार, “यह पहली बार है जब चीनी पीएलए के विशेषज्ञ सार्वजनिक एलएलएम्स (लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स) को सैन्य उद्देश्यों के लिए व्यवस्थित रूप से अनुसंधान करने और उपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं।” मेटा के लामा मॉडल का उपयोग करना चीन की सेना के तकनीकी शोध में एक नया कदम माना जा रहा है।
मेटा एआई मॉडल्स का दुरुपयोग!
मेटा ने अपने एआई मॉडल्स को सार्वजनिक रूप से जारी करते हुए कुछ प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें 700 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं वाली सेवाओं के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। मेटा ने सैन्य, युद्ध, जासूसी और अन्य प्रतिबंधित उपयोगों पर रोक लगाई है, लेकिन ये मॉडल सार्वजनिक होने के कारण इस प्रकार के उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगाना संभव नहीं है। मेटा की नीति निदेशक, मॉली मोंटगोमेरी ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा हमारे मॉडल्स का किसी भी प्रकार का उपयोग हमारी स्वीकृति नीति के खिलाफ है।
हालांकि, मेटा ने कहा कि वैश्विक एआई प्रतिस्पर्धा में अमेरिका को नवाचार को अपनाना होगा और पुरानी एआई तकनीकों के किसी भी सीमित उपयोग से सुरक्षा पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा। मेटा ने यह भी कहा कि चीन पहले से ही एआई पर खरबों डॉलर का निवेश कर अमेरिका को पीछे छोड़ने का प्रयास कर रहा है।
चीनी एआई टूल ‘चैटबिट’ का उपयोग
शोध पत्र के अनुसार, एएमएस के सैन्य विज्ञान सूचना अनुसंधान केंद्र और राष्ट्रीय नवाचार रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ-साथ बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और मिंजु यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इस परियोजना से जुड़े हैं। इन शोधकर्ताओं का कहना है कि तकनीकी उन्नति के माध्यम से भविष्य में “चैटबिट” का उपयोग खुफिया विश्लेषण, रणनीतिक योजना, सिमुलेशन प्रशिक्षण और सैन्य कमांड निर्णयों के लिए किया जा सकेगा।
संयुक्त राज्य अमेरिका में एआई के खुले उपयोग को लेकर बहस जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2023 में एआई विकास को विनियमित करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें नवाचार से सुरक्षा खतरे की ओर भी इशारा किया गया है। इस हफ्ते, अमेरिका ने चीन में एआई क्षेत्र में निवेश पर सीमाएं लगाने के लिए नियम बनाने की घोषणा की, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा न हो।
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन सपल ने कहा कि ओपन-सोर्स मॉडल्स में कई फायदे हैं, परन्तु प्रतिस्पर्धियों की क्षमताओं पर निगरानी जरूरी है। जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के विश्लेषक विलियम हैनास का कहना है कि “चीन को एआई क्षेत्र में आगे बढ़ने से रोकना मुश्किल होगा, क्योंकि वहां इस क्षेत्र में तेजी से शोध और निवेश किया जा रहा है।”
इसके अतिरिक्त, चीनी अनुसंधान संस्थानों ने पश्चिमी एआई का उपयोग अपने घरेलू सुरक्षा और युद्ध-प्रबंधन क्षेत्रों में भी किया है। हाल के एक शोध पत्र में बताया गया कि लामा का उपयोग “खुफिया पुलिसिंग” के लिए किया गया, जिससे पुलिसिंग निर्णयों में सुधार लाया जा सके। पीएलए की राज्य द्वारा संचालित दैनिक पत्रिका ने अप्रैल में प्रकाशित किया कि एआई युद्ध प्रशिक्षण में सुधार और हथियार विकास में भी योगदान कर सकता है।