Thursday, October 16, 2025
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छत्तीसगढ़ और ओडिशा के संयुक्त अभियान में मारे गए 14 संदिग्ध माओवादी

भुवनेश्वरः छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक बाघ अभ्यारण्य के अंदर सुरक्षा बलों के साथ हुई गोलीबारी में कम से कम 14 संदिग्ध माओवादी मारे गए। छत्तीसगढ़ का यह जिला ओडिशा की सीमा से सटा हुआ है। यह घटना सोनाबेड़ा-धरमबंधा समिति की दो कथित महिला चरमपंथियों को मारे जाने के बाद हुई है।

इन दो महिलाओं को गरियाबंद पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), कमांडो बटालियन फॉर रिज्योल्यूट एक्शन (कोबरा) और ओडिशा के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के द्वारा किया गया था। ओडिशा के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को नक्सल विरोधी अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इस मुठभेड़ में कोबरा के एक जवान को भी हल्की चोट आई है।

19 जनवरी को शुरू किया गया था अभियान

सुरक्षाबलों द्वारा यह अभियान 19 जनवरी को शुरू किया गया था। सुरक्षाबलों को सोनाबेड़ा-धरमबंधा समिति की ओर से माओवादियों के आने की सूचना मिली थी। यह मुठभेड़ गरियाबंद मुख्यालय से करीब 60 से 70 किमी दूर और ओडिशा सीमा से करीब 20 किमी दूर उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में सोमवार को हुई।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान छत्तीसगढ़ के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि “इस मुठभेड़ में 10 से अधिक माओवादी मारे गए हैं। तलाशी अभियान जारी है और सुरक्षा बलों द्वारा यह तलाशी अभियान पूरा करने के बाद और जानकारी दी जा सकती है।”

ओडिशा पुलिस कहा है कि मारे गए माओवादियों की संख्या और ज्यादा भी हो सकती है। सुरक्षा बलों ने भारी संख्या में गोला-बारूद बरामद किया है। ओडिशा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “इलाके में बड़े पैमाने पर तलाश जारी है और माओवादियों के खिलाफ संयुक्त अभियान जारी रहेगा।”

इस वर्ष मारे गए 36 से अधिक माओवादी

इस मुठभेड़ के बाद छत्तीसगढ़ में इस वर्ष मारे गए माओवादियों की संख्या 36 से अधिक हो गई है। राज्य में माओवादियों ने नौ सुरक्षा बलों के जवानों समेत एक नागरिक ड्राइवर की भी हत्या कर दी है। 3 जनवरी को मुठभेड़ में एक माओवादी के मारे जाने के बाद इस साल गरियाबंद जिले में यह दूसरी मुठभेड़ है।

ओडिशा पुलिस ने कहा कि ओडिशा और छत्तीसगढ़ के संयुक्त अंतरराज्यीय और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के अभियानों में 2025 में अब तक 15 “माओवादी” मारे गए हैं। हालांकि ओडिशा में हिंसा की घटनाएं कुछ हद तक कम हो गई हैं और वामपंथी उग्रवाद गतिविधियां कुछ इलाकों तक सीमित हो गई। अधिकारियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ से ओडिशा में माओवादियों की आमद के कारण कंधमाल-बौध-कालाहांडी-नुआपाड़ा अक्ष में माओवादी गतिविधियां चिंताजनक हैं।

ओडिशा पुलिस ने कहा है कि वे माओवादी खतरे को खत्म करने के लिए संयुक्त अभियान और खुफिया जानकारी साझा करने पर जोर दे रहे हैं।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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