नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को मणिपुर में सीआरपीएफ और बीएसएफ की अतिरिक्त 50 कंपनियों को भेजने का फैसला किया है जिसमें पांच हजार से अधिक कर्मी शामिल होंगे।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के अनुसार, इन 50 कंपनियों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 35 इकाइयां और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 15 इकाइयां शामिल होगी।
जिरीबाम जिले में हाल ही में भड़की हिंसा के बाद केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय बलों की यह दूसरी तैनाती है। इससे पहले पिछले हफ्ते (12 नवंबर को) गृह मंत्रालय ने राज्य में 20 इकाइयों को तैनात किया था जिसमें 15 सीआरपीएफ और पांच बीएसएफ के कंपनियां शामिल थी।
सोमवार के तैनाती के बाद हिंसा प्रभावित मणिपुर में तैनात सीएपीएफ कंपनियों की कुल संख्या 218 हो गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्थिति पर करीब से नजर रखे हैं। मणिपुर में हालात को लेकर सोमवार को उन्होंने दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की है। महाराष्ट्र में चुनावी रैलियां रद्द करने और मणिपुर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए राजधानी लौटने के उनके फैसले के बाद 24 घंटे के भीतर यह उनकी दूसरी बैठक थी।
मणिपुर के अलग-अलग हिस्सों में बढ़ती हिंसा और उभरती कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए नई इकाइयों की तैनाती की रणनीति बनाई गई है।
मणिपुर के ‘अति संवेदनशील’ क्षेत्रों में फिर से लागू हो सकती है अफस्पा-दावा
एनडीटीवी के सूत्रों के अनुसार, सोमवार को हुए बैठक के बाद मंत्रालय की एक टीम स्थिति को संभालने में राज्य के अधिकारियों की मदद के लिए जल्द ही हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी।
यही नहीं सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि ‘अति संवेदनशील’ क्षेत्रों में एएफएसपीए या सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम को फिर से लागू करने पर भी चर्चा हो रही है।
गुरुवार को जिरीबाम समेत छह अन्य पुलिस थाना वाले क्षेत्रों में दोबारा से अफस्पा कर दिया गया है। बता दें कि गुरुवार से पहले मणिपुर के 19 थाना क्षेत्र अफस्पा के दायरे में नहीं थे। अफस्पा के तहत सेना को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित क्षेत्रों में कार्रवाई के अधिक अधिकार मिलता है।
भारतीय एजेंसियों की भी ली जा सकती है मदद-दावा
इस बीच, सूत्रों ने यह भी कहा कि राज्य में स्थिति से निपटने में “पूर्ण तालमेल” सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय और राज्य बलों के साथ-साथ अन्य एजेंसियों को शामिल करते हुए एक संयुक्त समन्वित कार्य योजना शुरू की जाएगी।
गौरतलब है कि मणिपुर में जून 2023 से ही कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय तनाव देखने को मिल रहा है। इस कारण अब तक हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।
ताजा हिंसा तब शुरू हुआ था जब कथित तौर पर कुकी उग्रवादियों द्वारा अगवा किए गए छह मेइतियों के शव मिले थे। यह शव एक ही परिवार के थे जिसमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे। इससे पहले सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में 11 संदिग्ध कुकी विद्रोहियों को जवानों द्वारा मार गिराया गया था।