नई दिल्ली: सीबीएसई द्वारा शिक्षकों के लिए अगले साल जून तक ‘मूल्यांकन केंद्र’ स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्कूलों में छात्रों के बीच सीखने के बढ़ रहे गैप जैसे मुद्दे को निपटने के लिए इस तरह की पहल की शुरुआत की जा रही है।
इसका उद्देश्य टियर-3 शहरों में अप्रभावी शिक्षण प्रथाओं को संबोधित करना और शिक्षकों के बीच नवाचार और प्रेरणा को बढ़ावा देना है। इसके अलावा शिक्षकों के लिए एक पुरस्कार प्रणाली को भी शुरू करना और उनके बीच उच्च गुणवत्ता वाले मूल्यांकन आइटम विकसित करने का भी उद्देश्य है।
इस तरह के पहल की जरूरत राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण, शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट और सीखने के विश्लेषण के लिए सीबीएसई के संरचित मूल्यांकन जैसे अध्ययनों के निष्कर्षों से पता चला है।
इन रिपोर्टों ने स्कूलों में सीखने की महत्वपूर्ण कमियों को उजागर किया है जहां छात्रों के बोर्ड परीक्षा के अंक अक्सर उनके वास्तविक कौशल को प्रतिबिंबित करने में विफल होते हैं। निजी ट्यूशन जैसे बाहरी समर्थन पर बढ़ती निर्भरता शिक्षण विधियों में अपर्याप्तता को और अधिक रेखांकित करती है।
पहल को लेकर सीबीएसई के अध्यक्ष ने क्या कहा है
सीबीएसई के अध्यक्ष राहुल सिंह ने कहा है कि इस तरह के मूल्यांकन सीधे शिक्षण प्रथाओं को आकार देगा। उनके अनुसार, पहल के कारण शैक्षिक परिणामों में सुधार आएगा।
पहल से राज्य बोर्डों के लगभग 15 लाख सीबीएसई शिक्षकों और शिक्षकों को मदद मिलने की उम्मीद है। इससे टियर-3 शहरों के शिक्षकों को जिनका वेतन 15 हजार से 20 हजार के बीच होता है, उन्हें काफी लाभ होने वाला है।
इनाम प्रणाली का उद्देश्य इन शिक्षकों को ऐसे आकलन बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है जो छात्रों के सीखने को प्रभावी ढंग से माप सके और उन में सुधार लाएं।
प्रस्तावित मूल्यांकन केंद्र शिक्षकों के लिए उन्नत उपकरण प्रदान करेगा, जिसमें प्रश्न पत्र डिजाइन, मूल्यांकन प्रशासन, प्रतिक्रिया स्कैनिंग और छात्र प्रगति ट्रैकिंग भी शामिल है।
अन्य शैक्षिक बोर्डों के शिक्षकों को भी फ्री में दिए जाएंगे उपकरण
शिक्षकों को पर्सनलाइज्ड पेजों पर पहुंच प्राप्त होगी जिससे वे अलग-अलग छात्रों के लिए कठिनाई के विभिन्न स्तरों के साथ मूल्यांकनों को तैयार करने में वे सक्षम होंगे। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि ये उपकरण अन्य शैक्षिक बोर्डों के शिक्षकों को भी निःशुल्क उपलब्ध कराए जायेंगे।
बता दें कि पहल का एक मुख्य लक्ष्य कक्षाओं में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और बेहतर शिक्षण प्रथाओं को प्रोत्साहित करना है। शिक्षकों को इन उपकरणों का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने के लिए उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मूल्यांकन से सीखने के परिणामों में सार्थक सुधार हो सके।