कोलकाताः पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोपी संजय रॉय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। घटना 9 अगस्त की रात की है, जब महिला डॉक्टर अपनी लंबी शिफ्ट के बीच आराम करने के लिए अस्पताल के सेमिनार कक्ष में गई थीं। अगले दिन सुबह, एक जूनियर डॉक्टर ने उसके शव को पहली बार देखा, जिसके बाद अस्पताल और पूरे शहर में सनसनी फैल गई।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुए चौंकाने वाले खुलासे
पीड़िता के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बलात्कार और हत्या की पुष्टि की गई। रिपोर्ट में बताया गया कि उसके शरीर पर कुल 25 आंतरिक और बाहरी चोटें थीं, जो बर्बरता की हद को दर्शाती हैं। यह घटना अस्पताल के सेमिनार कक्ष में घटी, जहां पीड़िता रात के समय आराम करने गई थीं।
आरोपी संजय रॉय और उसके खिलाफ सबूत
संजय रॉय, जो कोलकाता पुलिस के साथ सिविक वॉलंटियर के रूप में कार्यरत था, अक्सर अस्पताल के आसपास देखा जाता था। सीसीटीवी फुटेज में वह 9 अगस्त को सुबह 4:03 बजे सेमिनार कक्ष में प्रवेश करता दिखाई दिया और लगभग आधे घंटे बाद वहां से बाहर निकलता देखा गया। कोलकाता पुलिस ने अपराध स्थल से संजय रॉय के ब्लूटूथ हेडफोन भी बरामद किए थे, जो उसे अपराध से जोड़ते हैं।
सीबीआई की जाँच और रॉय के दावे
सीबीआई के द्वारा जाँच शुरू होने के बाद संजय रॉय का लाई डिटेक्टर टेस्ट भी किया गया, जिसमें उसने अपनी बेगुनाही का दावा किया। रॉय ने कहा कि जब वह सेमिनार कक्ष में पहुंचा, तो महिला पहले से ही अचेत अवस्था में थी। उसने यह भी बताया कि घटना के बाद उसने पुलिस को सूचित नहीं किया क्योंकि वह डर और घबराहट में था।
हालांकि, सीबीआई ने उसकी बातों को झूठा बताया और कहा कि वह जाँच को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। संजय रॉय ने यह भी दावा किया कि उसे फंसाया जा रहा है, लेकिन अब चार्जशीट में उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत दिए गए हैं।
अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य और पुलिस अधिकारी पर भी कार्रवाई
इस मामले में सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. संदीप घोष को भी गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने पीड़िता के माता-पिता को गुमराह करने की कोशिश की और सबूतों से छेड़छाड़ की। घोष ने कथित तौर पर इस हत्या को आत्महत्या साबित करने का प्रयास किया और पीड़िता के माता-पिता को तीन घंटे तक उनके शव को देखने से रोके रखा। इसके अलावा, एक स्थानीय पुलिस अधिकारी को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन पर भ्रष्टाचार और बिना दावे वाले शवों को बेचने जैसे गंभीर आरोप हैं।
गैंगरेप का उल्लेख नहीं
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में गैंगरेप का कोई उल्लेख नहीं किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि संजय रॉय ने अकेले ही यह अपराध किया। हालांकि, सीबीआई ने इस मामले की जाँच को अभी खुला रखा है और आगे की जांच जारी है।