संयुक्त राष्ट्रः कैरेबियाई क्षेत्र में आए भयंकर तूफान ‘मेलिसा’ ने जमैका, क्यूबा और हैती में भारी तबाही मचाई है। इस तूफान ने लगभग 50 लोगों की जान ले ली है। संयुक्त राष्ट्र और उसकी सहयोगी संस्थाएं राहत सामग्री पहुंचाने और बचाव कार्यों का समन्वय करने में तेजी से जुट गई हैं। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसी ओसीएचए ने बताया कि लाखों लोग इस तूफान से प्रभावित हुए हैं और उन्हें तुरंत सहायता की जरूरत है।
मंगलवार को जब ‘मेलिसा’ कैटेगरी-5 के भीषण तूफान के रूप में जमैका से टकराया, तो कई इलाकों में घर, बिजली और पानी की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई। शुक्रवार तक भी जमैका के 60 फीसदी हिस्से में बिजली नहीं है, और करीब आधी जल प्रणालियाँ अब भी बंद हैं।
दक्षिण-पश्चिमी जमैका के ऐतिहासिक समुद्री कस्बे ब्लैक रिवर में करीब 90 प्रतिशत मकानों की छतें उड़ गईं। बिजली के खंभे टूट गए और कई कंक्रीट की इमारतें धराशायी हो गईं। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अवर महासचिव और आपातकालीन राहत समन्वयक टॉम फ्लेचर ने कहा कि ऐसे समय में अंतरराष्ट्रीय सहयोग सिर्फ एक सिद्धांत नहीं, बल्कि जीवनरेखा होता है।
क्यूबा और हैती में भीषण तबाही
ओसीएचए की रिपोर्ट के अनुसार, तूफान मेलिसा ने क्यूबा के पूर्वी इलाकों सैंटियागो, होलगुइन, ग्रान्मा और ग्वांतानामो में भारी नुकसान पहुंचाया है। कई इलाके अभी भी बाहरी संपर्क से कटे हुए हैं। सड़कों, रेल और हवाई मार्गों के क्षतिग्रस्त होने से राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।
क्यूबा में अब तक किसी मौत की सूचना नहीं है, लेकिन पूर्वी इलाकों में भारी बाढ़ जारी है। यहां की सिविल डिफेंस ने 7.35 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। क्यूबा में राहत दल अब भी बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने में जुटे हैं।
हैती में हालात और गंभीर हैं। यहां मानवीय संकट गहराया हुआ है। वहां संयुक्त राष्ट्र की टीमें सरकार के साथ मिलकर आश्रय, भोजन, आवश्यक वस्तुएं और नकद सहायता पहुंचाने में लगी हैं।
हैती में कम से कम 31 लोगों की मौत हो चुकी है और 21 लापता हैं, ज्यादातर देश के दक्षिणी हिस्से में। करीब 15,800 लोग अब भी राहत शिविरों में हैं।
जमैका में सबसे ज्यादा असर, भूखमरी जैसे हालात
जमैका इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित देशों में है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, वहां भुखमरी जैसे हालात बन गए हैं। जमैका में लोग कीचड़ और मलबे में खाने की तलाश कर रहे हैं। कई लोग टूटी हुई दुकानों में कूदकर पानी की बोतलें और जरूरी सामान ढूंढ रहे हैं।
ब्लैक रिवर शहर, जो इस तूफान का केंद्र था, सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। वहां बिजली और पानी की आपूर्ति ठप है और सैकड़ों लोग लापता हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से वे अराजकता और भय के माहौल में जी रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय निवासियों ने बताया कि अब तक कोई राहत वाहन नहीं पहुंचा है। लोग सड़क किनारे मलबे में पड़ी चीजों से पेट भर रहे हैं और कई जगह लूटपाट की घटनाएं भी सामने आई हैं। जमैका की सूचना मंत्री डाना मॉरिस डिक्सन ने बताया कि अब तक 19 मौतों की पुष्टि हुई है, लेकिन पांच और संभावित मौतों की सूचना मिली है जिनकी जांच की जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने इसे देश के इतिहास की सबसे भीषण आपदा बताया है। डब्ल्यूपीएफ के कैरेबियाई मल्टी-कंट्री ऑफिस के प्रमुख ब्रायन बोगार्ट, जो वर्तमान में किंग्स्टन में मौजूद हैं, ने कहा कि तूफान की हवा की गति 150 मील प्रति घंटा से ज्यादा थी और यह कैटेगरी-5 का तूफान था। उन्होंने चेतावनी दी कि इसके केंद्र में भारी विनाश की आशंका है, जबकि उत्तरी हिस्से से पूरे द्वीप पर व्यापक असर पड़ेगा।
बोगार्ट के अनुसार, “जमैका की पहाड़ी भू-संरचना के कारण अचानक बाढ़, बड़े भूस्खलन और बुनियादी ढांचे के ध्वस्त होने का खतरा बढ़ गया है। समुद्र में 9 से 13 फीट ऊंची लहरें उठ रही हैं, जिससे तटीय इलाकों और किंग्स्टन के प्रभावित होने की संभावना है।”
उन्होंने बताया कि दक्षिणी तट पर सबसे ज्यादा विनाश हुआ है। यह तूफानी लहरें लगभग सुनामी जैसी हैं, जो पूरे ढांचे को नष्ट कर देती हैं और राहत कार्यों को बेहद कठिन बना देती हैं। लंदन के इंपीरियल कॉलेज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह के तूफान अब चार गुना अधिक संभावित हो गए हैं।
जमैका सरकार ने आपदा राहत के लिए पहले से एक वित्तीय तंत्र तैयार कर रखा है। 2024 में विश्व बैंक के साथ जारी ‘कैटास्ट्रॉफी बॉन्ड’ के तहत देश को चार तूफान मौसमों के लिए 15 करोड़ डॉलर तक की वित्तीय सुरक्षा मिलती है। मंत्री डिक्सन ने बताया कि यह बॉन्ड 2027 तक प्राकृतिक आपदाओं के लिए भुगतान सुनिश्चित करता है, और तूफान मेलिसा के चलते अब यह सक्रिय हो गया है।
जमैका समेत कई कैरेबियाई देश अमीर देशों से जलवायु वित्त बढ़ाने की मांग कर रहे हैं ताकि ऐसी आपदाओं के आर्थिक असर से निपटा जा सके।
जमैका के विज्ञान, ऊर्जा और तकनीकी मंत्री एंड्रयू व्हीटली ने कहा कि देश वैश्विक स्तर पर मिले समर्थन के लिए आभारी है, लेकिन उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि दान केवल सरकारी आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से ही करें ताकि किसी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके।
बारबाडोस से 2,000 आपातकालीन फूड किट एयरलिफ्ट की गई
डब्ल्यूपीएफ ने बारबाडोस से 2,000 आपातकालीन फूड किट एयरलिफ्ट की हैं, जो करीब 6,000 लोगों को 10 दिनों तक भोजन उपलब्ध करा सकेंगी। राहत कार्यों के लिए चार मोबाइल गोदाम, जनरेटर और अन्य लॉजिस्टिक उपकरण पहले से तैनात किए गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र की अन्य एजेंसियां, जैसे यूनिसेफ, एफएओ, यूएनएफपीए और आईओएम, स्थानीय सरकारों के साथ राहत कार्यों में जुटी हैं। इसके अलावा, आपातकालीन दूरसंचार क्लस्टर (ईटीसी) के माध्यम से स्थानीय प्रशासन को इंटरनेट और बिजली की सुविधा बहाल करने में मदद दी जा रही है।
डब्ल्यूपीएफ कैरेबियाई क्षेत्र में आपदा वित्तपोषण और बीमा भुगतान प्रणाली को भी मजबूत कर रहा है ताकि आपदा के बाद लोग आवश्यक वस्तुएं खरीद सकें।

