टोरंटो: कनाडा की सरकारी मीडिया कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) की ओर से प्रकाशित एक पुरानी रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें यह दावा किया गया है कि कनाडा की सुरक्षा एजेंसी का एक जासूस उस ग्रुप का हिस्सा था जिसने 1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट में बम धमाके की योजना बनाई थी। साल 2003 में प्रकाशित इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कनाडाई सुरक्षा और खुफिया सेवा (सीएसआईएस) ने ‘आखिरी मिनट में उस जासूस को पीछे खींच लिया ताकि वह फंसने से बच जाए।’
करीब 21 साल पुरानी यह रिपोर्ट अब सोशल मीडिया पर चर्चा में आई है जब भारत और कनाडा के बीच के रिश्ते सबसे निचले स्तर पर हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारतीय राजदूतों के खिलाफ निराधार आरोप लगाए जाने के बाद ओटावा और नई दिल्ली के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए हैं। कनाडा में भारतीय राजदूतों का नाम खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जोड़ा गया, जिसने कनाडाई नागरिकता ले ली थी।
सीबीसी की रिपोर्ट में क्या था?
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) द्वारा जारी किए गए उस समय (2003) के दस्तावेज़ के आधार पर सीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कनाडा की CSIS ने सुरजन सिंह गिल नाम के एक जासूस को लगा रखा था, जो खुद को खालिस्तान का काउंसल-जनरल बताता था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि गिल ‘शुरू से ही इसमें शामिल था और कुछ लोगों ने उसे इसमें शामिल रहने और यह जानने के लिए कहा था कि क्या हो रहा है। बाद में कनाडाई अथॉरिटी ने गिल को ‘पीछे हटने’ के लिए कहा ताकि वह इस साजिश का हिस्सा बनता नहीं दिखे।
कनाडा की सरकारी मीडिया की यह रिपोर्ट एयर इंडिया बम विस्फोटों के आरोपियों में से एक अजायब सिंह बागरी के साथ आरसीएमपी द्वारा किए गए एक इंटरव्यू की डिटेल्स पर आधारित थी। बागरी को अक्टूबर 2000 में गिरफ्तार कर लिया गया था।
दूसरी ओर गिल ने बाद के वर्षों में कनाडा छोड़ दिया और लंदन में रहने लगा। सीबीसी रिपोर्ट का दावा है कि 1985 में आयरलैंड के तट के पास एयर इंडिया की फ्लाइट-182 के धमाके के मामले में गिल पर कभी आरोप नहीं लगाया गया। फ्लाइट में धमाके की उस घटना में 329 लोग मारे गए थे।
इसी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सीएसआईएस ने ‘एयर इंडिया फ्लाइट धमाके की जांच से संबंधित सैकड़ों वायरटैप’ को नष्ट कर दिया। हालांकि इस साल जून में सीबीसी की रिपोर्ट से इतर कनाडाई कानून प्रवर्तन ने एक बयान जारी कर आश्वासन दिया कि खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा एयर इंडिया की फ्लाइट को बम से उड़ाने के मामले की जांच जारी है।
1985 में क्या हुआ था?
दरअसल, 23 जून 1985 को कनाडा से लंदन होते हुए भारत आ रहे एयर इंडिया के एक विमान में आयरिश तट के पास विस्फोट हो गया। इस घटना में विमान में सवार सभी 329 यात्रियों और चालक दल के सभी सदस्यों की मौत हो गई थी। विस्फोटक एक सूटकेस में रखे गए बम की वजह से हुआ था। घटना में मारे गए लोगों में 268 कनाडाई नागरिक थे, जिनमें ज्यादातर भारतीय मूल के थे। इसके अलावा 24 भारतीय नागरिक भी मारे गए। इस घटना के बाद समुद्र से केवल 131 शव बरामद किए जा सके।