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कनाडा के नए वीजा नियमों का भारतीय छात्रों और कामगारों पर क्या होगा असर?

ओटावाः कनाडा ने नए आव्रजन नियम बनाए हैं। ये नए नियम हजारों भारतीय छात्रों, कामगारों और पर्यटकों को प्रभावित कर सकते हैं। इन नए नियमों में अब अधिकारियों को अधिक अधिकार मिले हैं। अधिकारियों के पास अब विशिष्ट परिस्थितियों में अध्ययन और कार्य परमिट रद्द करने का अधिकार है। 

कनाडा का यह नया आप्रवासन और शरणार्थी संरक्षण अधिनियम 31 जनवरी से लागू है। इसे साल 2024 के अंत में स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम के साथ जोड़ा गया था। 

कनाडावीसा.कॉम के अनुसार,उस कार्यक्रम ने छात्रों के वीजा प्रसंस्करण में तेजी ला दी थी। इसके लिए उन्हें जीवनयापन के खर्चों के लिए ट्यूशन फीस और गारंटीकृत निवेश प्रमाण पत्र के लिए अग्रिम धन की व्यवस्था करनी पड़ी। 

अधिकारी रद्द कर सकते हैं वीजा

इन नए नियमों के तहत अधिकृत सीमा अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण और अस्थायी निवास वीजा जैसे दस्तावेजों को रद्द कर सकते हैं। यह बहुत सारे भारतीयों के लिए चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि कनाडा भारतीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक शीर्ष देश है। विदेश मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, वर्तमान में करीब 4,27,000 छात्र कनाडा में पढ़ रहे हैं। 

साल 2024 में जनवरी से जुलाई के बीच में कनाडा ने 3,65,750 विजिटर वीजा भारतीयों को दिए थे। 

किन परिस्थितियों में वीजा हो सकता है रद्द 

गलत जानकारी देने पर या फिर आपराधिक रिकॉर्ड होने पर वीजा रद्द किया जा सकता है। दस्तोवेजों के खोने, चोरी होने, नष्ट होने या फिर प्रशासनिक त्रुटि के कारण जारी होने के कारण भी रद्द हो सकता है।  इसके अलावा जब कोई अस्थायी निवासी स्थायी निवासी बन जाता है। यदि छात्रों को कार्य या अध्ययन वीजा से वंचित किया जाता है तो वे अपने आव्रजन कागजात भी रद्द कर सकते हैं। 

आईआरसीसी ने क्या कहा?

आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) ने कहा है कि जो व्यक्ति प्रभावित होंगे उन्हें उनके आईआरसीसी खाते या ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा।

यदि किसी छात्र, कामगार या प्रवासी का वीजा रद्द हो जाता है तो उन्हें बंदरगाह पर ही रोक दिया जाएगा और वापस उनके देश भेज दिया जाएगा। वहीं, कुछ मामलों में जहां छात्र पढ़ रहा है या कामगार काम कर रहा है। ऐसी स्थिति में वीजा रद्द होने पर उन्हें एक निश्चित तिथि तक देश छोड़ने का नोटिस दिया जाएगा।

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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