नई दिल्लीः जनवरी 2025 में भारत की थोक महंगाई दर 2.31% पर आ गई, जो दिसंबर 2024 में 2.37% थी। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य और ईंधन की कीमतों में गिरावट के कारण महंगाई में यह कमी आई है। पिछले साल इसी महीने में यह दर 0.33% थी।
जनवरी 2025 में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.88% रही, जो दिसंबर 2024 में 8.47% थी। सब्जियों की महंगाई में भी बड़ी गिरावट आई और यह 8.35% पर आ गई, जबकि दिसंबर में यह 28.65% थी।
हालांकि, कुछ खाद्य वस्तुओं में अभी भी महंगाई बनी हुई है। आलू की महंगाई दर 74.28% पर बनी रही, जबकि प्याज की महंगाई बढ़कर 28.33% हो गई।
खुदरा महंगाई 5 महीने के निचले स्तर पर
ईंधन और ऊर्जा श्रेणी में 2.78% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि दिसंबर 2024 में इसमें 3.79% की गिरावट थी।
विनिर्मित वस्तुओं में महंगाई दर मामूली बढ़कर 2.51% हो गई, जो दिसंबर में 2.14% थी।
थोक महंगाई के साथ-साथ खुदरा महंगाई दर (CPI) में भी गिरावट दर्ज की गई है। जनवरी 2025 में खुदरा महंगाई घटकर 4.31% हो गई, जो पिछले 5 महीनों में सबसे कम है।
दिसंबर 2024 में यह दर 5.22% थी, जबकि जनवरी 2024 में 5.1% थी। अगस्त 2024 में यह 3.65% के स्तर पर थी। खाद्य महंगाई की बात करें तो यह 6.02% रही, जो अगस्त 2024 के बाद सबसे कम है।
किन वस्तुओं में सबसे ज्यादा महंगाई?
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार, जनवरी 2025 में जिन वस्तुओं की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि हुई, वे हैं: नारियल तेल (54.2%), आलू (49.61%), नारियल (38.71%), लहसुन (30.65%), मटर (30.17%)।