पूनम गुप्ता ने आरबीआई के डिप्टी गवर्नर का पदभार संभाला, कौन-कौन से विभाग की मिली जिम्मेदारी?

डॉ. गुप्ता नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की महानिदेशक थीं, जो आर्थिक विकास, इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर, केंद्रीय बैंकिंग, मैक्रो आर्थिक स्थिरता, सार्वजनिक ऋण और राज्य वित्त से संबंधित मुद्दों पर काम करती थीं।

Poonam Gupta takes charge as RBI Deputy Governor, Poonam Gupta RBI, RBI Poonam Gupta , आरबीआई की डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता,

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नई डिप्टी गवर्नर डॉ. पूनम गुप्ता ने शुक्रवार को पदभार संभाला और अब वे केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का हिस्सा होंगी। केंद्र सरकार ने उन्हें 2 अप्रैल को डिप्टी गवर्नर के पद पर नियुक्त किया था। पदभार ग्रहण करने के दिन से उनका कार्यकाल तीन वर्ष या अगले आदेश तक रहेगा।

वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और उतार-चढ़ाव वाली मुद्रास्फीति दरों के बीच डॉ. गुप्ता की विशेषज्ञता महत्वपूर्ण होगी।

कौन-कौन से विभाग संभालेंगी पूनम गुप्ता

आरबीआई के एक बयान के अनुसार, डिप्टी गवर्नर के रूप में डॉ. गुप्ता मौद्रिक नीति विभाग, वित्तीय बाजार परिचालन विभाग, आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग, वित्तीय स्थिरता विभाग, अंतरराष्ट्रीय विभाग, सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन विभाग, कॉर्पोरेट रणनीति और बजट विभाग और संचार विभाग का कार्यभार संभालेंगी।

इससे पहले, डॉ. गुप्ता नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की महानिदेशक थीं, जो आर्थिक विकास, इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर, केंद्रीय बैंकिंग, मैक्रो आर्थिक स्थिरता, सार्वजनिक ऋण और राज्य वित्त से संबंधित मुद्दों पर काम करती थीं।

विश्व बैंक में दो दशकों तक वरिष्ठ पदों पर काम किया

उन्होंने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य और 16वें वित्त आयोग की सलाहकार परिषद के संयोजक के रूप में भी कार्य किया। 

एनसीएईआर में शामिल होने से पहले, डॉ. गुप्ता ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक में लगभग दो दशकों तक वरिष्ठ पदों पर काम किया था। उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड (यूएसए) में भी पढ़ाया और भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई), दिल्ली में विजिटिंग फैकल्टी के रूप में भी काम किया।

वे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) में आरबीआई चेयर प्रोफेसर और इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस (आईसीआरआईईआर) में प्रोफेसर रही हैं।

डॉ. गुप्ता ने कई शोध पत्र प्रकाशित किए हैं और एक संपादित पुस्तक “इमर्जिंग जायंट्स: चाइना एंड इंडिया इन द वर्ल्ड इकोनॉमी” भी लिखी है।

उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, यूएस से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री और पीएचडी की है और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री की है।

 

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article