वाशिंगटनः पालो अल्टो नेटवर्क के भारतीय मूल के सीईओ निकेश अरोड़ा अमेरिका में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले दूसरे सीईओ बने हैं। मंगलवार को द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 2023 में अमेरिका में सबसे अधिक वेतन पाने वाले सीईओ की सूची जारी की। जिसमें निकेश 151.43 मिलियन डॉलर की कमाई के साथ सूची में दूसरे स्थान पर रहे। निकेश अरोड़ा की यह कमाई मेटा सीईओ मार्क जुकरबर्ग के 24.40 मिलियन डॉलर और गूगल सीईओ सुंदर पिचाई के 8.8 मिलियन डॉलर से कहीं अधिक है। ब्रॉडकॉम के हॉक टैन 162 मिलियन डॉलर की कमाई के साथ इस सूची में शीर्ष पर हैं।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की इस सूची में कुल 17 भारतीय मूल के सीईओ शीर्ष 500 रैंकिंग में हैं। एडोब के शांतनु नारायण 11वें स्थान पर, दूसरे सबसे अधिक वेतन पाने वाले भारतीय मूल के सीईओ हैं। शांतनु नारायण, जिनका जन्म और पालन-पोषण हैदराबाद में हुआ, 1998 में कंपनी में शामिल होने के बाद 2007 से एडोब के सीईओ हैं। रिपोर्ट के अनुसार, निकेश अरोड़ा और शांतनु नारायण ने क्रमशः 151.43 मिलियन डॉलर और 44.93 मिलियन डॉलर कमाए, जो टेस्ला के एलन मस्क से अधिक है। गौरतलब है कि एलन ने 2023 में कोई वेतन नहीं लिया।
कौन हैं निकेश अरोड़ा?
निकेश अरोड़ा ने शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के एयर फोर्स स्कूल से की है। इसके बाद उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के आईआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। बीएचयू से स्नातक होने के बाद, अरोड़ा ने 2000 में जर्मनी में डॉयचे टेलीकॉम में टी-मोशन पीएलसी की स्थापना की। 2004 में वे गूगल में शामिल हो गए। यहां वे पहली बार गूगल में मुख्य व्यवसाय अधिकारी के रूप में दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। 2012 में अरोड़ा गूगल में सबसे अधिक वेतन पाने वाले कार्यकारी बन गए, जिन्होंने 51 मिलियन डॉलर का पैकेज प्राप्त किया। इसके बाद 2014 में वे सॉफ्टबैंक ग्रुप में शामिल हो गए। 2016 तक, वे ग्रुप के अध्यक्ष और सीईओ रहे। इस पद पर रहते हुए अरोड़ा ने 135 मिलियन डॉलर का प्रथम वर्ष का मुआवजा प्राप्त किया, जो जापान में एक रिकॉर्ड था। इसके बाद 2018 में वे साइबर सुरक्षा कंपनी पालो ऑल्टो नेटवर्क में शामिल हुए। और वर्तमान में सीईओ और अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
शीर्ष 500 रैंकिंग में 17 भारतीय मूल के सीईओ
वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा प्रकाशित विश्लेषण के अनुसार, शीर्ष 500 रैंकिंग में भारतीय मूल के कुल 17 सीईओ शामिल हैं। अरोड़ा और शांतनु के अलावा भारतीय अमेरिकियों में तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर माइक्रोन टेक्नोलॉजी के संजय मल्होत्रा (63वें, 25.28 मिलियन डॉलर), एनसिस के अजेय गोपाल (66वें, 24.63 मिलियन डॉलर) और वर्टेक्स फार्मास्यूटिकल्स की रेशमा केवलरमानी (118वें, 20.59 मिलियन डॉलर) हैं।
इसके अलावा आईबीएम के अरविंद कृष्णा (123वें, 20.40 मिलियन डॉलर), एनफेज एनर्जी के बद्रीनारायण कोठंडारमन (135वें, 19.53 मिलियन डॉलर), लिंडे के संजीव लांबा (143वें, 9.20 मिलियन डॉलर), एमर्सन इलेक्ट्रिक के सुरेंद्रलाल करसनभाई (158वें, 18.32 मिलियन डॉलर), कैडेंस डिजाइन सिस्टम्स के अनिरुद्ध देवगन (172वें, 17.34 मिलियन डॉलर), वेलफ्लॉवर के शंख मित्रा (174वें, 17.20 मिलियन डॉलर) हैं।
13.13 मिलियन डॉलर के साथ 268वें स्थान पर रियल्टी इनकम के सुमित रॉय, 10.75 मिलियन डॉलर के साथ 319वें स्थान पर कीसाइट टेक्नोलॉजीज के सतीश धनसेकरन, 9.13 मिलियन डॉलर के साथ 357वें स्थान पर रेविटी के प्रह्लाद सिंह और अल्फाबेट के सुंदर पिचाई (364वें, 8.80 मिलियन डॉलर), वाटर्स के उदित बत्रा (367वें, 8.74 मिलियन डॉलर) और नॉर्डसन के सुंदरराजन नागराजन (389वें, 6.98 मिलियन डॉलर) शामिल हैं।
आईएएनएस इनपुट के साथ