यूपीआई के बाद अब यूएलआई बनेगा गेमचेंजर! आरबीआई जल्द लॉन्च करेगा यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस, कैसे करेगा काम?

भारतीय रिजर्व बैंक राष्ट्रीय स्तर पर यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। यह यूपीआई की तरह होगा कृषि और एमएसएमई जैसे सेक्टर को जल्द लोन दिलाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

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RBI Governor Shaktikanta Das

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) की लॉन्चिंग की तैयारी कर रहा है। जल्द ही इसे राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया जा सकता है। यह यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की तरह काम करेगा और बैंकों की ओर से ऋण देने के मामले में बड़ा गेमचेंजर साबित होगा।

यूएलआई विशेषकर कृषि और एमएसएमई सेक्टर को आसानी से लोन मुहैया कराने में बड़ी भूमिका निभाएगा। इससे पहले यूपीआई भारत के बाजार में डिजिटल पेमेंट के मामले में क्रांतिकारी बदलाव लाने में कामयाब रहा है। पूरी दुनिया भी यूपीआई की भारत में सफलता का लोहा मानती है।

आरबीआई गवर्नर ने क्या ऐलान किया है?

पिछले ही साल अगस्त में आरबीआई ने ऋण के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य बिना किसी लंबे प्रोसेस के लोन लेने की प्रक्रिया को आसान बनाना था। तकनीक के इस्तेमाल की बदौलत इस पूरी प्रक्रिया की लागत में कमी, लोन देने के समय में कमी और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना अहम लक्ष्य है।

शक्तिकांत दास ने बेंगलुरु में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज ग्लोबल क्रॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आरबीआई की ओर से पायलट प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। अनुभव के आधार पर सही समय पर यूएलआई सिस्टम को लॉन्च किया जाएगा।

दास की ओर से कहा गया कि यूपीआई ने पूरे पेमेंट सिस्टम को बदल दिया है। ऐसी ही उम्मीद हम यूएलआई सिस्टम से कर रहे हैं। जेएएम-यूपीआई-यूएलआई भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर यात्रा में अहम भूमिका निभाने वाले हैं।

दास ने आगे कहा कि बैंकिंग सिस्टम में डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने के लिए आरबीआई की ओर से पिछले साल क्रेडिट देने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट को लॉन्च किया गया था। इसमें व्यक्ति की अनुमति के आधार पर डिजिटल इन्फॉरमेशन को उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें कई राज्यों के जमीनों के रिकॉर्ड, मल्टीपल डेटा प्रोवाइडर्स से लोन देने वाली कंपनियों को डेटा उपलब्ध कराना शामिल है। इससे लोगों को लोन देने के समय में कमी आएगी।

आसानी से मिलेगा लोन

यूएलआई प्लेटफॉर्म कई तकनीकी जटिलताओं को कम कर देगा। लोन लेने वालों को बिना किसी व्यापक कागजी कार्रवाई के ऋण निर्बाध तरीके से और तेजी से मिल सकेगा करेगा। इससे तकनीकी तौर पर काफी सारी खामियां दूर होती हैं और इससे लोन लेने वाले व्यक्ति को बिना किसी लंबे प्रोसेस के आसानी से लोन मिल सकेगा। खासकर कृषि और एमएसएसई क्षेत्र से जुड़े लोग जो कर्ज लेना चाहते हैं उनके लिए बड़ा फायदा होगा। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड लोन, डेयरी लोन, पर्सनल लोन और होम लोन के लिए भी यूएलआई से आवेदन किया जा सकेगा।

बता दें कि जनधन अकाउंट, आधार और मोबाइल फोन, जिसे जेएएम त्रिमूर्ति (JAM यानी Jan Dhan, Aadhar and Mobile) के रूप में जाना जाता है, यह भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधार है। आंकड़े बताते हैं कि जेएएम के तहत की गई पहल के 67 प्रतिशत लाभार्थी ग्रामीण इलाकों से हैं और इनमें से 55 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अब जल्द JAM-UPI-ULI की 'नई त्रिमूर्ति' भारत की डिजिटल बुनियादी ढांचे की यात्रा में एक क्रांतिकारी कदम होगी।

यूएलआई कैसे काम करेगा, आसान भाषा में समझिए

यह प्लेटफॉर्म यूपीआई की तर्ज पर होगा। ग्राहक यहां कर्ज के लिए आवेदन करेंगे। उनका बैंक खाता इससे जुड़ा होगा। कर्ज स्वीकृत होने पर लोन की रकम सीधे ग्राहक के बैंक खाते में आ जाएगी। खास बात ये होगी कि इस प्लेटफॉर्म पर कर्ज के लिए अप्लाई करने वाले ग्राहकों की सभी जानकारी डिजिटल तरीके से मौजूद होगी। इन्हें आधार, ई-केवाईसी, राज्य सरकार के भूमि रिकॉर्ड, पैन नंबर आदि अलग-अलग स्रोत से एकत्र किया जाएगा। इससे कर्ज देने वाले संस्थानों को ग्राहकों से जुड़ी सभी जानकारी यहां मिल जाएगी। इससे वे आसानी से और बिना ज्यादा पेपरवर्क किए आसानी से कर्ज जारी कर सकेंगे। कुल मिलाकर यूएलआई की मदद से कर्ज लेना आसान होगा और समय कम लगेगा।

(समाचार एजेंसी IANS इनपुट के साथ)

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