इन दिनों यात्रा की दुनिया में एक नया नाम चलन में आया है- ड्यूप डेस्टिनेशन। ड्यूप डेस्टिनेशन एक बढ़ता हुआ ट्रेंड है जिसमें यात्री लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के कम-ज्ञात, अधिक किफायती विकल्प चुनते हैं। यह ऑफबीट ट्रैवल और सेकेंड सिटी ट्रैवल ट्रेंड का एक रूप है। ये “ड्यूप” (गंतव्य के जैसा फील देने वाली जगह) यात्रियों द्वारा उनकी पसंद वाली महंगी जगह चुनने के बजाय वैसे ही अनुभव देने वालीं कम खर्च और कम भीड़भाड़ वाली जगहें होती हैं।
उदाहरण के लिए यात्री मालदीव के महंगे समुद्र तटों के बजाय, मॉरीशस को एक समान द्वीप गेटवे के लिए चुन सकते हैं। वहीं बेंगलुरु को भारत को सिलिकॉन वैली बताया जाता है जो कैलिफोर्निया जैसे मंहगे डेस्टिनेश के बजाय एक किफायती ‘ड्यूप’ हो सकता है।
ये ट्रेंड तब होता है, जब यात्री किसी महंगे और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल की जगह, उसी तरह के अनुभव देने वाले लेकिन कम खर्चीले विकल्प को चुनते हैं। आसान शब्दों में कहें तो, ये घूमने का ऐसा तरीका है जहां आपको कम खर्च में अच्छा अनुभव मिलता है, और वहां ज्यादा भीड़ भी नहीं होती।
टॉमस कुक (इंडिया) लिमिटेड के अध्यक्ष राजीव काले कहते हैं कि “उदाहरण के तौर पर यात्री जयपुर जैसा सांस्कृतिक अनुभव पाने के लिए बीकानेर के चहल-पहल भरे बाजारों, ऊंट सफारी और स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकते हैं। इसी तरह कोलकाता की जगह गुवाहाटी की समृद्ध इतिहास और विविध संस्कृति को एक्सप्लोर किया जा सकता है।”
स्काईस्कैनर की ट्रैवल इन फोकस 2023 रिपोर्ट के मुताबिक, 47% से अधिक भारतीय यात्री बेहतर डील मिलने पर अपनी यात्रा कार्यक्रम बदलने के लिए तैयार हैं। एडिनबर्ग स्थित ट्रैवल एजेंसी स्कैनर के एक प्रतिनिधि ने बताया कि भारतीयों द्वारा यात्रा की योजना अधिक समझदारी से बनाई जा रही है, इसलिए ‘डेस्टिनेशन ड्यूप ट्रैवल’ ट्रेंड का बढ़ना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।”
कुछ रिपोर्ट्स ने डेस्टिनेशन ड्यूप के ट्रेंड के बारे में पहले ही घोषणा कर दी थी। एक्सपीडिया ग्रुप की “अनपैक ’24” रिपोर्ट और अमेरिकन एक्सप्रेस ट्रैवल की “2024 ट्रेंडिंग डेस्टिनेशंस: ऑफ द बीटन पाथ” रिपोर्ट ने ही इसकी वापसी की भविष्यवाणी की थी। अब जैसा कि मौसम सुहाना होने लगा है, यह ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है।
एसओटीसी (State Owned Travel Corporation ) ट्रैवल के अध्यक्ष और देश प्रमुख, डैनियल डिसूजा कहते हैं कि ”डेस्टिनेशन ड्यूपिंग में बढ़ोतरी यात्रियों की प्राथमिकताओं में एक बड़े बदलाव को दर्शाती है। खासकर युवा पीढ़ी जो सच्चे सांस्कृतिक अनुभव और किफायती यात्रा की तलाश में है, उनके लिए यह ट्रेंड काफी आकर्षक है। आंकड़ों से भी यह साफ पता चलता है कि लोग अब अनोखे और कम प्रचलित स्थलों की ओर रुख कर रहे हैं।”
‘डेस्टिनेशन ड्यूप’ के कुछ उदाहरणः
कूर्ग, भारत (स्कॉटलैंड का ड्यूप): अक्सर इसे “भारत का स्कॉटलैंड” कहा जाता है। कर्नाटक में कूर्ग एक खूबसूरत हिल स्टेशन है जो अपनी हरी-भरी पहाड़ियों, धुंध भरे पहाड़ों और कॉफी बागानों के लिए जाना जाता है।
मुन्नार, भारत (स्विट्जरलैंड का ड्यूप): मुन्नार, केरल के पश्चिमी घाट में स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। यहां भी विशाल चाय के बागान, शांत झीलें, धुंधले पहाड़ मिल जाएंगे। इसे “दक्षिण भारत का कश्मीर” कहा जाता जो स्विट्जरलैंड का एक बेहतरीन विकल्प प्रदान करते हैं।
ऐसे ही केरल का अल्लेप्पी है। केरल को “पूर्व का वेनिस” कहा जाता है। यह इटली के वेनिस का विकल्प प्रदान करता है। अल्लेप्पी अपने बैकवाटर, नहरों और जलमार्गों के खूबसूरत नेटवर्क के लिए प्रसिद्ध है। ये हरे-भरे ताड़ के पेड़ों के बीच से गुजरते हैं।