नई दिल्लीः केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को PAN 2.0 की घोषणा की। यह परियोजना करदाता सेवाओं को अधिक डिजिटल, सरल और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने आयकर विभाग के PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है।
इस प्रोजेक्ट के तहत, PAN (Permanent Account Number) को एक तकनीकी उन्नति के रूप में पेश किया जाएगा। इसे कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर के रूप में स्थापित किया जाएगा, जो सभी सरकारी एजेंसियों के डिजिटल सिस्टम्स में कार्य करेगा। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 1,435 करोड़ रुपये होगी।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस परियना को लेकर अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत पैन 2.0 पहल हमारे करदाता पंजीकरण प्रणाली को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करेगी, जिससे आईटी रिटर्न दाखिल करना एक परेशानी मुक्त अनुभव बन जाएगा।
अश्विनी वैष्ण ने कहा कि 2.0 को मंजूरी दी गई है। मौजूदा सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा और डिजिटल बैकबोन को नए तरीके से लाया जाएगा…। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोशिश की जाएगी कि क्या यह एक सामान्य व्यवसाय पहचानकर्ता बन सकता है। एक एकीकृत पोर्टल होगा, यह पूरी तरह से पेपरलेस और ऑनलाइन होगा। शिकायत निवारण प्रणाली पर जोर दिया जाएगा।
#WATCH | Delhi | Union Minister Ashwini Vaishnaw says, “PAN card is part of our life which is important for the middle class and small business – it has been highly upgraded and PAN 2.0 has bee approved today. The existing system will be upgraded and the digital backbone will be… pic.twitter.com/E2gjhnHYgz
— ANI (@ANI) November 25, 2024
PAN 2.0 परियोजना क्या है?
1972 में पेश किया गया PAN, करदाताओं के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या के रूप में कार्य करता है। PAN 2.0 इसका एक उन्नत संस्करण है, जो करदाताओं को बेहतर डिजिटल अनुभव भी मिलेगा। PAN 2.0 का उद्देश्य ई-गवर्नेंस की दिशा में एक बड़ा कदम उठाना है, जो करदाता पंजीकरण सेवाओं को टेक्नोलॉजी के माध्यम से पुनः डिजाइन करेगा।
PAN 2.0 में निम्नलिखित विशेषताएं शामिल होंगी:
QR कोड फीचर: अब पैन कार्ड में QR कोड होगा, जिससे टैक्सपेयर्स को रजिस्ट्रेशन और अन्य सेवाओं में आसानी होगी।
पेपरलेस सिस्टम: यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पेपरलेस होगी, जो डिजिटल इंडिया के विजन के अनुरूप है।
डेटा सुरक्षा:पैन डेटा को सुरक्षित रखने के लिए PAN डेटा वॉल्ट सिस्टम विकसित किया जाएगा।
संपूर्ण ऑनलाइन पोर्टल: टैक्सपेयर्स को एक बेहतर डिजिटल अनुभव मिलेगा, जिसमें तेज सेवाएं, बेहतर क्वालिटी, और आसान एक्सेस शामिल हैं।
करदाताओं को क्या फायदे होंगे?
इस परियोजना से न केवल करदाताओं को बल्कि आयकर विभाग को भी तेज, पारदर्शी और सुरक्षित सेवाएं मिलेंगी। PAN 2.0 के जरिए सरकार करदाताओं को एक विश्वसनीय, डिजिटल और सुरक्षित प्रणाली का अनुभव प्रदान करेगी। यह परियोजना कर चोरी को पहचानने में भी मदद करेगी और टैक्स के नेटवर्क को अधिक व्यापक बनाएगी।
क्या आपको नया पैन कार्ड प्राप्त करना होगा?
आपका मौजूदा पैन कार्ड वैध रहेगा। पुराने पैन धारकों को कोई नया आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, नए सिस्टम के तहत एक नई डिजिटल बैकबोन स्थापित की जाएगी, जिससे उपयोगकर्ताओं को अपग्रेडेड PAN 2.0 कार्ड मिलेगा।
क्या इस अपग्रेडेशन का शुल्क लिया जाएगा?
PAN 2.0 की अपग्रेडेशन प्रक्रिया निःशुल्क होगी और पैन धारकों को मुफ्त में दिया जाएगा।
पैन क्यों जरूरी है?
पैन का उपयोग किसी भी व्यक्ति की आयकर लेनदेन, TDS/TCS क्रेडिट, आय रिटर्न, और विशिष्ट लेन-देन जैसे कार्यों के लिए किया जाता है। यह प्रणाली कर चोरी की पहचान करने, आर्थिक डेटा को संचालित करने, और करदाता जानकारी का मिलान करने में भी सहायक है।