इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के विरासत कर को लेकर भारत में चुनावी मौसम के बीच विवाद मचा हुआ है। संपत्ति बंटवारे की बात का पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में मुद्दा बना रही भाजपा को पित्रोदा के बयान के बाद और मसाला मिल गया है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से किनारा कर लिया है। पित्रोदा ने भी कहा है कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया जा रहा है और तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है।
सैम पित्रोदा ने क्या कहा है, जिस पर मचा विवाद
पित्रोदा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए इस बात का जिक्र किया कि अमेरिका में इनहेरिटेंस कर (उत्तराधिकारी/विरासत कर) लगता है। पित्रोदा के के मुताबिक अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। सरकार 55 फीसदी हिस्सा ले लेती है। उन्होंने कहा कि संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को और 55 फीसदी पर सरकार का अधिकार होता है। उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी नजर में यह अच्छा है। साथ ही पित्रोदा ने कहा कि भारत में ऐसा कानून नहीं है लेकिन ऐसे मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।
पित्रोदा ने कहा, ‘भारत में आप ऐसा नहीं कर सकते। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब रुपये है और वह इस दुनिया में न रहे तो उनके बच्चे ही 10 अरब रुपये रखते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता… तो ये कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिस पर लोगों को बहस और चर्चा करनी चाहिए। इसका नतीजा क्या निकलेगा, ये मैं नहीं जानता लेकिन जब हम संपत्ति के पुनर्वितरण की बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए तरह के प्रोग्राम की बात करते हैं जो जनता के हित में है..न केवल अमीर लोगों के।’
#WATCH | Chicago, US: Chairman of Indian Overseas Congress, Sam Pitroda says, "…In America, there is an inheritance tax. If one has $100 million worth of wealth and when he dies he can only transfer probably 45% to his children, 55% is grabbed by the government. That's an… pic.twitter.com/DTJrseebFk
— ANI (@ANI) April 24, 2024
विरासत कर क्या है, अमेरिका में क्या है इसका नियम?
विरासत कर दरअसल ऐसा कर है जो किसी शख्स की मृत्यु के बाद उसकी संपत्तियों के उत्तराधिकारियों या लाभार्थियों पर लगाया जाता है। मृत व्यक्ति के संपत्ति के हस्तांतरण के बाद यह लगाया जाता है। अमेरिका के अलावा दुनिया भर के कई और देशों में भी यह कर सरकारें अपने नागरिकों पर लगाती हैं। जहां तक अमेरिका की बात है तो साल 2023 के रिकॉर्ड के अनुसार यहां केवल 6 राज्यों में विरासत कर की व्यवस्था लागू है। टैक्स कितना लगेगा, कैसे इसकी गणना होगी…ये सब इस बात पर निर्भर है कि मृत व्यक्ति की संपत्ति जिसे दी जा रही है, उसके उससे क्या रिश्ते थे। साथ ही ये भी देखा जाता है कि मृत व्यक्ति के पास कितनी संपत्ति है, जिसे वह छोड़कर गया है।
अमेरिका में किन राज्यों में है विरासत कर की व्यवस्था
अमेरिका में जिन छह राज्यों में विरासत कर की व्यवस्था है, वे हैं- आयोवा (Iowa), केंटकी (Kentucky), मैरीलैंड (Maryland), नेब्रास्का (Nebraska), न्यू जर्सी (New Jersey) और पेंसिलविनिया (Pennsylvania). इसमें भी ऐसी खबरें हैं कि आयोवा में 2025 तक विरासत कर को समाप्त कर दिया जाएगा। विरासत पर कर की दरें भी आपको विरासत में मिली संपत्ति और नकदी के मूल्य के हिसाब से 1% से 18% तक होती हैं। अलग-अलग राज्यों में नियमों में भिन्नता है।
इन सभी राज्यों में आमतौर पर जीवनसाथी (पति या पत्नी) या धर्मार्थ संगठनों को संपत्ति हस्तानांतरित करने पर विरासत टैक्स से छूट मिलती है। इसके अलावा मृत व्यक्ति की संपत्ति अगर बच्चों, अन्य आश्रित- मसलन बुजुर्ग माता-पिता या पोते-पोतियां को ट्रांसफर होती हैं, तो वहां भी विरासत कर से छूट दी जाती है। सबसे अधिक दरें आमतौर पर उन लोगों पर लगाई जाती हैं जिनका मृत व्यक्ति के साथ कोई पारिवारिक संबंध नहीं होता है।
भारत में भी लागू था विरासत कर
भारत में लगभग तीन दशक (1953-1985) तक विरासत कर की व्यवस्था लागू थी। साल 1985 में राजीव गांधी की सरकार ने इसे हटाया। पिछले कुछ सालों में कई बार ऐसी चर्चाएं उठी हैं कि फिर से विरासत कर को लागू किया जाए। हालांकि, बात बस चर्चाओं तक ही सीमित रही है। साल 2017 में इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि 2018-19 के बजट में विरासत कर को 5% – 10% की सीमा के साथ वापस लाया जा सकता है।
इसके पीछे कारण यह था कि कई ज्यादा कमाई करने वाले लोग टैक्स बचाने के लिए पारिवारिक ट्रस्ट बना रहे हैं। हालांकि, तब के बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई थी। कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव-2024 के घोषणापत्र में संपत्ति के पुनर्वितरण का जिक्र करने और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा द्वारा इसे लेकर अलग दिए गए कई बयानों के बाद विरासत कर का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है।