नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने की घोषणा की है। इस फैसले से वैश्विक बीमा कंपनियों के निवेश को आकर्षित करने और पूंजी प्रवाह को बढ़ाने की उम्मीद है।
बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई की अनुमति देना सरकार की एक प्रमुख सुधार पहल है, जिसका उद्देश्य 2047 तक "सबके लिए बीमा" के लक्ष्य को प्राप्त करना है। इससे विदेशी निवेश में भारी बढ़ोतरी होगी, प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी और पूरे देश में बीमा की पहुंच बेहतर होगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% किया जाएगा। यह बढ़ी हुई सीमा केवल उन कंपनियों के लिए उपलब्ध होगी, जो अपना पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करेंगी। विदेशी निवेश से जुड़ी मौजूदा शर्तों और प्रतिबंधों की समीक्षा कर उन्हें सरल बनाया जाएगा।"
#WATCH | #UnionBudget2025 | Union Finance Minister Nirmala Sitharaman says, "The FDI limit for the Insurance Sector will be raised from 74 to 100 percent. This enhanced limit will be available for those companies which invest the entire premium in India. The current guardrails… pic.twitter.com/UOYI0DNesf
— ANI (@ANI) February 1, 2025
बीमा क्षेत्र पर सरकार द्वारा 26 नवंबर को जारी एक ज्ञापन में कहा गया था कि "बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) और उद्योग से परामर्श के बाद, इस क्षेत्र के नियामक ढांचे की व्यापक समीक्षा की गई है। प्रस्ताव के तहत, भारतीय बीमा कंपनियों में एफडीआई सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने की सिफारिश की गई है। साथ ही, बीमाकर्ताओं को एक या अधिक प्रकार के बीमा व्यवसाय और बीमा से संबंधित गतिविधियों के संचालन को सुचारू बनाने की अनुमति देने का भी प्रावधान है।"
भारतीय बीमा क्षेत्र को मिलेगा पूंजी और तकनीक का लाभ
विशेषज्ञों के अनुसार सरकार के इस फैसले से विदेशी निवेश से भारतीय बीमा कंपनियों को आवश्यक पूंजी मिलेगी, जिससे वे बेहतर उत्पाद और सेवाएं प्रदान कर सकेंगी। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश से उन्नत जोखिम प्रबंधन प्रणालियां, नवीनतम तकनीक और नवाचारयुक्त बीमा उत्पाद भारतीय बाजार में उपलब्ध होंगे।
RenewBuy के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बालाचंदर शेखर के अनुसार, 100% एफडीआई की अनुमति से बीमा क्षेत्र में व्यापक बदलाव आ सकता है। उन्होंने कहा कि यह कदम वैश्विक बीमा कंपनियों की रुचि को बढ़ाएगा और उन्हें भारतीय बाजार में निवेश के लिए आकर्षित करेगा।
Reforming and Developing Financial Sector
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) February 1, 2025
-FDI limit for insurance sector to be raised from 74% to 100%
-Forum for regulatory coordination and development of pension products to be set up
-Revamped Central KYC Registry to be rolled out in 2025, to simplify KYC process… pic.twitter.com/rq9VUoXZkQ
ग्राहकों को अधिक स्वतंत्रता और बेहतर सेवाएं
इंडियन एक्सप्रेस ने बीमा क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार से लिखा है, विदेशी कंपनियों की भागीदारी से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्राहकों को बेहतर सेवाएं, अधिक विकल्प और संभावित रूप से कम प्रीमियम दरें मिलेंगी। इसके अलावा, विदेशी पूंजी के प्रवाह से बीमा क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
बीमा ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IBAI) के अध्यक्ष सुमित बोहरा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 100% एफडीआई से भारतीय बीमा कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार नवाचार, पारदर्शिता और तकनीकी उन्नति अपनाने का अवसर मिलेगा। इससे ग्राहकों को अधिक स्वतंत्रता और बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
भारतीय बीमा उद्योग को मिलेगा वैश्विक सहयोग
बीमा एक पूंजी-प्रधान उद्योग है, और पूंजी तक पहुंच बढ़ाने का कोई भी कदम फायदेमंद साबित होगा। Zuno General Insurance की एमडी और सीईओ शनाई घोष के अनुसार, इस फैसले से वैश्विक बीमा कंपनियों को भारतीय बाजार में अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा और अत्याधुनिक तकनीकों व नए उत्पादों तक भारतीय उपभोक्ताओं की पहुंच सुनिश्चित होगी।