फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी को 165 करोड़ रुपये का नोटिस

आनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी को 165 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस मिला है। इससे पहले भी कंपनी को यह नोटिस मिला था। कंपनी ने इस विषय पर कहा है कि वह अपनी रक्षा के लिए उचित कदम उठाएगी।

Swiggy

आनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी को मिला टैक्स डिमांड नोटिस Photograph: (आईएएनएस)

नई दिल्ली: ऑनलाइन फूड और ग्रोसरी डिलीवरी कंपनी स्विगी एक बार फिर से टैक्स डिमांड नोटिस का सामना कर रही है। कंपनी को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए दो टैक्स असिसमेंट ऑर्डर मिले हैं।  

कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि इन दोनों नोटिस में 165 करोड़ रुपये के टैक्स की मांग की गई है। 

स्विगी ने बताया कि एक नोटिस पुणे के प्रोफेशन टैक्स ऑफिसर की ओर से प्राप्त हुआ है। इसमें 7.59 करोड़ रुपये की टैक्स की मांग की गई है।

कंपनी पर क्या हैं आरोप?

आदेश में कंपनी पर आरोप लगाया गया है कि कंपनी कर्मचारियों के वेतन से प्रोफेशन टैक्स की उचित कटौती करने में विफल रही, जो कि महाराष्ट्र राज्य व्यवसाय, व्यापार, कॉलिंग एवं रोजगार कर अधिनियम, 1975 के तहत आवश्यक है।

हालांकि, स्विगी ने कहा कि उसके पास आदेश को चुनौती देने के लिए मजबूत आधार हैं और वह समीक्षा या अपील दायर करने की योजना बना रही है। 

स्विगी ने अपनी फाइलिंग में कहा, "कंपनी का मानना ​​है कि उसके पास आदेश के खिलाफ मजबूत तर्क हैं और वह समीक्षा/अपील के माध्यम से अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।"

कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मुद्दे का उसके वित्त या परिचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

हाल ही में मिल चुका है नोटिस

स्विगी को यह नोटिस ऐसे समय पर मिला है, जब कुछ दिनों पहले ही कंपनी को बेंगलुरु के इनकम टैक्स ऑफिस से 158 करोड़ रुपये का टैक्स डिमांड नोटिस मिला था। 

यह टैक्स डिमांड नोटिस व्यापारियों को दिए जाने वाले कैंसिलेशन चार्जेज जैसे मुद्दों से जुड़ा है। 

इसमें आयकर रिफंड से प्राप्त ब्याज आय भी शामिल है, जिसे लेकर अधिकारियों ने दावा किया है कि उसे उचित तरीके से घोषित नहीं किया गया था।

स्विगी ने कहा कि उसे अपनी कानूनी स्थिति पर पूरा भरोसा है और वह इस टैक्स डिमांड नोटिस के खिलाफ अपील करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। प्रोफेशन टैक्स मामले की तरह ही कंपनी ने कहा कि इस आदेश से भी उसके वित्तीय या दिन-प्रतिदिन के कामकाज पर कोई बड़ा प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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