बीता हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी शानदार रहा था। Photograph: (IANS)
मुंबईः भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है। खुदरा महंगाई, डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति, डॉलर के प्रति रुपये की चाल, एफआईआई, घरेलू और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों से शेयर बाजार की दिशा तय होगी।
बीता हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी शानदार रहा था। लगातार तीन हफ्तों की गिरावट के बाद शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ। इस दौरान निफ्टी करीब 2 प्रतिशत बढ़कर 22,552.50 और सेंसेक्स 1.55 प्रतिशत बढ़कर 74,332.58 पर बंद हुआ।
3 मार्च से 7 मार्च के कारोबारी सत्र में स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में खरीदारी देखने को मिली। इस दौरान निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 2.66 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स ने 5.47 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख, विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजार ओवरसोल्ड स्तर से ऊपर आ गया है। अगर टैरिफ को लेकर अनिश्चितता कम होती है और इसके साथ ही कॉरपोरेट आय में सुधार होता है तो एक बड़ी रिकवरी देखने को मिल सकती है।
बीते हफ्ते में सेक्टोरल इंडेक्स में मेटल, एनर्जी, मीडिया और पीएसई का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। निफ्टी मेटल ने 8.61 प्रतिशत, निफ्टी मीडिया ने 7.36 प्रतिशत, निफ्टी पीएसई ने 7.36 प्रतिशत और निफ्टी एनर्जी ने 5.90 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बिकवाली जारी रखी है। इस दौरान एफआईआई की ओर से बाजार से 15,501 करोड़ रुपये की निकासी की गई है। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 20,950 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर, पुनीत सिंघानिया का कहना है कि निफ्टी इस हफ्ते अपने 100 हफ्तों के ईएमए 22,051 से रिकवर करके 2 प्रतिशत ऊपर बंद हुआ है। निफ्टी के लिए 22,700 एक मजबूत रुकावट का स्तर होगा। अगर निफ्टी इस स्तर को तोड़ देता है तो 23,100 का लेवल देखने को मिल सकता है। गिरावट पर इसका सपोर्ट 22,300 और 22,000 पर है।