मुंबई: बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हिंडनबर्ग रिसर्च को भेजे गए अपने 46-पृष्ठ के कारण बताओ नोटिस में जानकारी दी है कि कैसे अमेरिकी शॉर्ट-सेलर ने अदानी समूह पर अपनी आलोचनात्मक रिपोर्ट की अग्रिम प्रति सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करने के दो माह पहले न्यूयार्क स्थित हेज फंड मैनेजर मार्क किंगडन के साथ शेयर किया।
कारण बताओ नोटिस में आरोप लगाया गया है कि हिंडनबर्ग, किंगडन के हेज फंड और कोटक महिंद्रा बैंक से जुड़े एक ब्रोकर ने रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद अदानी समूह की 10 सूचीबद्ध फर्मों के बाजार मूल्य में 150 बिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट से लाभ उठाया।
सेबी ने हिंडनबर्ग पर अदानी समूह के शेयरों में घबराहट में बिक्री को प्रेरित करने के लिए गैर-सार्वजनिक और भ्रामक जानकारी का उपयोग कर मिलीभगत के माध्यम से अनुचित लाभ कमाने का भी आरोप लगाया है।
पिछले सप्ताह वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने आरोप लगाया था कि चीनी संबंधों वाले एक व्यवसायी ने हिंडनबर्ग रिसर्च को रिपोर्ट सौंपने का काम सौंपा था। इसके कारण अदानी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में जेठमलानी ने दावा किया कि किंगडन कैपिटल मैनेजमेंट एलएलसी के पीछे अमेरिकी व्यवसायी किंगडन ने अदानी समूह पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिंडनबर्ग को काम पर रखा था।
Here’s a huge smoking gun in the sordid episode of the short sale of #Adani shares by #Hindenburg. Pursuant to #SEBI's notice to Hindenburg, the following facts emerge:
1. Hindenburg - a research agency - was hired by American businessman #MarkKingdon to prepare a report on the… https://t.co/yar0uEuarm— Mahesh Jethmalani (@JethmalaniM) July 4, 2024
सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च, नाथन एंडरसन और मॉरीशस स्थित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) किंगडन की संस्थाओं को अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयरों में व्यापार उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके कारण हिंडनबर्ग रिपोर्ट और उसके बाद की स्थिति बनी।
सेबी द्वारा की गई जांच में यह भी पता चला कि कोटक महिंद्रा और हिंडनबर्ग ने अदानी के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन लेने के लिए मिलकर साजिश रची थी।
कोटक महिंद्रा बैंक की एक इकाई कोटक महिंद्रा (इंटरनेशनल) लिमिटेड ने कहा है कि हिंडनबर्ग कभी भी समूह के के-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड (केआईओएफ) और कोटक महिंद्रा इंटरनेशनल लिमिटेड (केएमआईएल) का ग्राहक नहीं था।
(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)