अदानी के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च के लपेटे में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच, लगाए गंभीर आरोप

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अदानी के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च के लपेटे में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच, लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्लीः अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारत में होने वाले जिस खुलासे का संकेत दिया था, वो उसने सार्वजनिक कर दी है। हिंडनबर्ग ने बिजनेस टाइकून गौतम अदानी के बाद भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

फर्म का कहना है कि गौतम अदानी के भाई विनोद अदानी के अरबों डॉलर निवेश वाली मॉरिशस स्थित कंपनी ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड में बुच की हिस्सेदारी है। इस कंपनी के पैसों का इस्तेमाल अदानी के शेयरों में तेजी लाने में किया गया।  हिंडनबर्ग रिसर्च ने यह भी कहा है कि अदानी ग्रुप को लेकर सेबी ने जो जांच की है उसकी व्यापक जांच होनी चाहिए।

इंडियन एक्सप्रेस और पीटीआई के मुताबिक, माधबी पुरी बुच और उनके पति ने हिंडनबर्ग द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है कि 'अदानी मनी साइफनिंग स्कैंडल' में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में उनकी हिस्सेदारी थी। सेबी अध्यक्ष ने इसे चरित्र हनन का प्रयास बताया है।

हमारा फाइनेंस रिकॉर्ड खुली किताबः माधबी पुरी बुच

एक संयुक्त बयान में माधबी पुरी बुच और धवल बुच ने आरोपों को निराधार और किसी भी सच्चाई से रहित बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारी जिंदगी और फाइनेंस रिकॉर्ड एक खुली किताब है।

बयान में कहा, "हमारे खिलाफ 10 अगस्त, 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं। यह किसी भी सच्चाई से रहित है। हमारा जीवन और वित्त एक खुली किताब है। बीते कई सालों में हमने सेबी को सारी जानकारी मुहैया कराई है।"

सेबी प्रमुख ने कहा कि "सभी आवश्यक खुलासे कई वर्षों से सेबी को पहले ही दे दिए गए हैं। हमें किसी भी और सभी वित्तीय दस्तावेजों, जिनमें वे भी शामिल हैं जो उस अवधि से संबंधित हैं जब हम सख्ती से निजी नागरिक थे, का किसी भी और सभी अधिकारियों को खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है जो उनसे मांग सकते हैं।"

सेबी प्रमुख और उनके पति ने कहा कि वे जल्द ही पूर्ण पारदर्शिता के हित में एक विस्तृत बयान जारी करेंगे। रिपोर्ट की आलोचना करते हुए दंपत्ति ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और शो कॉज नोटिस जारी किया है, ने उसी के जवाब में चरित्र हत्या का प्रयास करना चुना है।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी प्रमुख पर क्या आरोप लगाए हैं?

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के पास एगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड नामक भारतीय परामर्श व्यवसाय में 99% हिस्सेदारी है, जहां उनके पति धवल निदेशक हैं। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, हिंडनबर्ग ने कहा कि एगोरा ने 2022 में परामर्श से ₹1.98 करोड़ का राजस्व अर्जित किया। यह सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में बुच के पिछले वेतन का 4.4 गुना था।

हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में आईपीई प्लस फंड का जिक्र किया है। उसने कहा कि अदानी समूह के एक निदेशक ने इंडिया इनफोलाइन कंपनी (IIFL) की मदद से मॉरीशस में एक छोटा सा निवेश फंड बनाया। यह इंडिया इनफोलाइन कंपनी वायरकार्ड नाम की एक दूसरी कंपनी के एक बड़े घोटाले में भी शामिल रही है।

रिपोर्ट में कहा गया कि एक जटिल संरचना में, विनोद अदानी की नियंत्रित कंपनी ने बरमूडा में "ग्लोबल डायनेमिक अपॉर्चुनिटीज फंड" (जीडीओएफ) में निवेश किया, जो एक ब्रिटिश विदेशी क्षेत्र और कर चोरी का केंद्र है, जिसने इसके बाद मॉरीशस में पंजीकृत एक अन्य कर चोरी के केंद्र आईपीई प्लस फंड 1 में निवेश किया।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने यह भी आरोप लगाया है कि गौतम अदानी के भाई विनोद अदानी ने बिजली उपकरणों की कीमतें बढ़ाकर कथित रूप से निकाले गए धन से भारतीय बाजार में निवेश करने के लिए इस संरचना का इस्तेमाल किया। हमारी मूल अदानी रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के दस्तावेजों में आरोप लगाया गया है कि अदानी ने प्रमुख बिजली उपकरणों के आयात मूल्य को "बेहद" बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और विदेशी खोखली कंपनियों का उपयोग करके भारतीय जनता से पैसे निकाले और लॉन्डर किए।

दिसंबर 2023 में गैर-लाभकारी परियोजना अदानी वॉच की एक बाद की जांच से पता चला कि कैसे गौतम अदानी के भाई विनोद अदानी द्वारा नियंत्रित विदेशी कंपनियों के एक जाल ने बिजली उपकरणों की कथित अधिक कीमत वसूली से धन प्राप्त किया।

हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरा

हिंडनबर्ग द्वारा सेबी प्रमुख पर लगाए गए आरोपों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, अब पता चला संसद सत्र 9 अगस्त को अचानक क्यों स्थगित कर दिया गया। इधर शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कहा कि स्पष्ट हो गया है कि सेबी ने अदानी की कंपनियों का विवरण क्यों नहीं दिया था।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि हिंडनबर्ग खुलासे की भनक लग गई थी। तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने संसद का सत्र समाप्त कर दिया। मोदी सरकार सिर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।

 संजय सिंह ने आगे कहा कि अपने दोस्त अदानी को बचाने के लिए पीएम मोदी ने उसी सेबी अध्यक्ष से जांच कराई जिसने घोटाला किया। सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।

'दुनिया का कोई भी अदालत इस रिपोर्ट का संज्ञान नहीं लेगा'

क्रिमिनल लॉयर जय अनंत देहाद्राय हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में यह स्पष्ट किया है कि सेबी अध्यक्ष के कोई भी रिश्वत लेने के सबूत नहीं है। दुनिया का कोई भी अदालत इस सामग्री का संज्ञान नहीं लेगा।

जय अनंत देहाद्राय ने पोस्ट में लिखा, आपको भी ऐसा करना चाहिए - ताकि आप पूरी तरह से समझ सकें कि विदेशी-वित्तपोषित प्रचार कैसे काम करता है।

एक क्रिमिनल लॉयर के रूप में मेरे लिए दो बातें बिल्कुल स्पष्ट हैं:

सबसे पहले, रिपोर्ट में कहीं भी इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सेबी अध्यक्ष ने कोई रिश्वत ली है। रिपोर्ट में नियमित निवेश साधनों को सनसनीखेज तरीके से पेश किया गया है ताकि गलत तरीके से अर्जित और अपारदर्शी धन की छवि बनाई जा सके।

दूसरा, रिपोर्ट यह भ्रम फैलाने की कोशिश करती है कि किसी अपतटीय इकाई के अस्तित्व का मतलब है कि कोई आपराधिक गतिविधि हुई है। कथित लाभार्थी - अदानी समूह - से किसी निर्णय या पक्ष को जोड़ने वाले किसी भी सबूत के बिना, रिपोर्ट ने अपने ही पहले के दावों को बेढंगे ढंग से दोहराया है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

दुनिया में कहीं भी कोई भी आपराधिक अदालत इस "सामग्री" का संज्ञान नहीं लेगी क्योंकि कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है।

हर बीतते दिन के साथ, यह मेरे लिए और भी स्पष्ट होता जा रहा है कि भारत और विदेशों में एक हताश गिरोह सक्रिय है जिसका लक्ष्य भारतीय बाजारों को अस्थिर करना और अंततः प्रधानमंत्री नरेंद्रर मोदी को सत्ता से हटाना है। मैं उम्मीद करता हूं कि लोकतंत्र और भारत की खातिर हमारी जाँच एजेंसियां इस वास्तविक और वर्तमान खतरे के प्रति सजग होंगी।

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