भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने दुनिया की सबसे बड़ी क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग फर्मों में से एक जेन स्ट्रीट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। नियामक ने इस अमेरिकी कंपनी और उसकी सहयोगी संस्थाओं को भारतीय शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही कंपनी को गैरकानूनी तरीके से कमाए गए मुनाफे में 4,843 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश दिया है। जेन स्ट्रीट ने हालांकि आरोपों से इनकार किया है।
सेबी ने अपने आदेश में इन संस्थाओं के बैंक खातों से डेबिट फ्रीज करने का भी निर्देश दिया है, जिनमें जेएसआई2 इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड शामिल हैं। सेबी के आदेश के अनुसार, जेन स्ट्रीट ने 1 जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2025 के बीच भारतीय एक्सचेंजों पर इंडेक्स ऑप्शंस में ट्रेडिंग के जरिए 43,289.33 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया।
जेन स्ट्रीट क्या है और यह कितनी बड़ी है?
जेन स्ट्रीट 2000 में स्थापित एक वैश्विक स्वामित्व वाली ट्रेडिंग फर्म है। इसके 3,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं। इसके कार्यालय अमेरिका, यूरोप और एशिया में फैले हुए हैं। यह फर्म 45 देशों में काम करती है। एशिया में और खास तौर पर हांगकांग में इसका प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल जेन स्ट्रीट की वार्षिक कमाई 20.5 बिलियन डॉलर थी।
भारत में जेन स्ट्रीट का काम और आरोप
सेबी के अनुसार, भारत में जेन स्ट्रीट की ट्रेडिंग गतिविधि काफी सक्रिय रही है। जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच, इसने इंडेक्स ऑप्शन ट्रेडिंग के ज़रिए लगभग 5 बिलियन डॉलर (लगभग ₹36,671 करोड़) कमाए। इसमें से 4,843 करोड़ रुपये अब अवैध लाभ के तौर पर जांच के दायरे में है।
सेबी के आदेश के अनुसार, जेन स्ट्रीट 14 एक्सपायरी दिनों में सुबह के समय बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में भारी मात्रा में कैश सेगमेंट में खरीददारी करती थी और बैंक निफ्टी ऑप्शंस को बड़ी मात्रा में बेचती थी। दोपहर के बाद, जेन स्ट्रीट की संस्थाएं बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में बड़ी मात्रा में आक्रामक तरीके से बिकवाली करती थीं और एक्सपायरी के दिनों में इंडेक्स के बंद होने को प्रभावित करती थीं।
सेबी के आदेश के अनुसार, 17 जनवरी, 2024 की सुबह, जेन स्ट्रीट ने बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में 4,370 करोड़ रुपए की आक्रामक तरीके से खरीददारी की और 32,115 करोड़ रुपए के बैंक निफ्टी ऑप्शंस को बेचा। दोपहर के बाद, इसने बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में 5,372 करोड़ रुपए की आक्रामक तरीके से बड़ी मात्रा में बिकवाली की।
इससे बैंक निफ्टी इंडेक्स ऑप्शंस सेगमेंट में 46,620 करोड़ रुपए की अधिकतम शॉर्ट पोजीशन बनी और बैंक निफ्टी में नरमी आई। जेन स्ट्रीट ने ऑप्शन सेगमेंट में 735 करोड़ रुपए का लाभ कमाया, जबकि विदेशी फर्म को इस दौरान नकद और फ्यूचर्स में केवल 61.6 करोड़ रुपए का इंट्राडे घाटा हुआ। इस प्रकार, जेन स्ट्रीट ने एक ही दिन में 673.4 करोड़ रुपए का स्पष्ट लाभ कमाया।
सेबी के निष्कर्षों से पता चलता है कि जेन स्ट्रीट ने इंडेक्स ऑप्शन से 44,358 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। उसे स्टॉक फ्यूचर्स से ₹7,208 करोड़ का घाटा हुआ। इंडेक्स फ्यूचर्स से ₹191 करोड़ का घाटा हुआ। नकद बाजार से ₹288 करोड़ का घाटा हुआ। इन सबके परिणामस्वरूप जेन स्ट्रीट ने 36,671 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जिसमें से 4,843 करोड़ रुपये को नियामक द्वारा अवैध माना गया है और इसे वापस करने का आदेश दिया गया है।
सेबी ने एक आदेश में कहा, "संस्थाओं को प्रतिभूति बाजार तक पहुंचने से रोक दिया गया है और उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिभूतियों को खरीदने, बेचने या अन्य लेन-देन करने से भी प्रतिबंधित किया गया है।"
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)