खुदरा महंगाई दर पांच साल में सबसे नीचे, ईंधन एवं बिजली की कीमतों में गिरावट से मिला फायदा

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Retail inflation at 59 month low of 3.54 percent in July huge decline in food inflation

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: महंगाई के मोर्चे पर राहत की बड़ी खबर आई है। ईंधन एवं बिजली की कीमतों में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट के कारण जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर घटकर 3.54 प्रतिशत पर आ गई है जो 59 महीने का निचला स्तर है।

खास बात यह है कि खाद्य महंगाई भी बड़ी गिरावट के साथ 5.42 प्रतिशत पर रही जो जून 2023 के बाद सबसे कम है। इसकी प्रमुख वजह सब्जियों के दाम में अपेक्षाकृत कम बढ़ोतरी है।

इन चीजों के दाम बढ़ें हैं

सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में साल-दर-साल आधार पर दालों एवं उनसे बने उत्पादों के दाम 14.77 प्रतिशत बढ़े। अनाज और उनके उत्पाद एक साल पहले के मुकाबले 8.14 प्रतिशत और सब्जियां 6.83 प्रतिशत महंगी हुईं। अंडों के दाम 6.76 फीसदी बढ़े जबकि मांस और मछलियों की कीमतों में 5.97 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

पिछले कई महीनों से बढ़ रहे हैं सब्जियों के दाम

महंगाई दर में नरमी का मुख्य कारण सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी में ठहराव रहा। पिछले कई महीनों से सब्जियों की महंगाई दर लगातार काफी ऊंचे स्तर पर रही थी। अभी भी सब्जियों के दाम आसमान छू रहें हैं।

इसके अलावा ईंधनों की कीमतों में नरमी का असर भी महंगाई दर पर दिखा है। आंकड़ों में बताया गया है कि ईंधन एवं बिजली के दाम जुलाई 2023 की तुलना में जुलाई 2024 में 5.48 प्रतिशत कम हुए।

केंद्र सरकार के लिए राहत है महंगाई दर में गिरावट

जून 2024 में ओवरऑल खुदरा महंगाई दर 5.08 प्रतिशत और खाद्य महंगाई दर 9.36 फीसदी रही थी। पिछले साल जुलाई में ये क्रमशः 7.44 प्रतिशत और 11.51 प्रतिशत पर थीं।

महंगाई दर में गिरावट केंद्र सरकार के लिए राहत भरी खबर है। सरकार ने रिजर्व बैंक को औसत खुदरा महंगाई दर को मध्यम अवधि में चार फीसदी के आसपास रखने का लक्ष्य दिया है। लंबे समय से यह इससे ऊपर बनी हुई थी।

(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)

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