रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को लगातार 11वीं बार रखा स्थिर, सीआरआर में कटौती

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RBI Governor Shaktikanta Das

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी बैठक के नतीजों की शुक्रवार को घोषणा हो चुकी है। इस बार भी रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, लगातार 11वीं बार रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।

रेपो रेट में इस बार भी किसी तरह का बदलाव न होने को लेकर जानकार पहले से उम्मीद कर रहे थे। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमारी कोशिश आरबीआई अधिनियम के फ्लेक्सिबल टारगेटिंग फ्रेमवर्क का पालन करना है। प्राइस स्टेबिलिटी हमारी अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। यह लोगों की क्रय शक्ति को प्रभावित करती है, इसलिए इसका महत्व व्यवसायों के लिए भी है।

सीआरआर में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती

आरबीआई गवर्नर के अनुसार, सीआरआर में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का फैसला लिया गया है, जिसके बाद कैश रिजर्व रेश्यो को घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है। सीआरआर किसी बैंक की कुल जमा का वह प्रतिशत होता है जिसे बैंक को लिक्विड कैश के रूप में केंद्रीय बैंक के पास रिजर्व के तौर पर रखना होता है।

मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की घोषणाओं के अनुसार, कमेटी ने स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) को भी 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। बैंक रेट और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी को 6.75 प्रतिशत पर ही स्थिर रखा गया है। कमेटी का मानना है कि सस्टेनेबल प्राइस स्टेबिलिटी के साथ ही उच्च विकास की नींव को मजबूत रखा जा सकता है।

स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 8 अप्रैल, 2022 को एक मौद्रिक नीति उपकरण के रूप में पेश किया गया था। एमपीसी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए महंगाई 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में महंगाई 5.7 प्रतिशत और चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। वित्त वर्ष 2026 की पहली और दूसरी तिमाही के लिए महंगाई क्रमश: 4.6 प्रतिशत और 4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।

(यह कहानी आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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