नई दिल्लीः अब 20 साल से पुराने वाहनों को सड़क पर चलाना जेब पर और भारी पड़ने वाला है। केंद्र सरकार ने पंजीकरण नवीनीकरण शुल्क को दोगुना कर दिया है। दोपहिया और तीनपहिया वाहनों पर भी दोगुना शुल्क लगेगा, जबकि आयातित गाड़ियों पर नवीनीकरण का खर्च लाखों तक पहुंच जाएगा।

मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य लोगों को पुरानी गाड़ियों का उपयोग जारी रखने से रोकना है। मंत्रालय ने अक्टूबर 2021 में भी मोटरसाइकिलों, तिपहिया और कारों के लिए पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क में वृद्धि की थी, और अब 20 साल से अधिक पुराने वाहनों के लिए इसे और भी बढ़ा दिया गया है।

दोगुना हुआ पंजीकरण नवीनीकरण शुल्क

नए नियमों के तहत 20 साल से अधिक पुराने हल्के मोटर वाहनों (LMV) के पंजीकरण नवीनीकरण शुल्क को दोगुना कर दिया गया है। अब यह शुल्क 10,000 रुपये होगा, जबकि पहले यह 5,000 रुपये था। इसी तरह, 20 साल से पुराने दोपहिया वाहनों के लिए शुल्क 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये कर दिया गया है।

तीन पहिया और क्वाड्रिसाइकल वाहनों के लिए शुल्क 3,500 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है। वहीं, आयातित वाहनों के लिए शुल्क और भी अधिक रखा गया है। आयातित दोपहिया और तीनपहिया वाहनों के पंजीकरण नवीनीकरण के लिए अब 20,000 रुपये चुकाने होंगे। जबकि चार पहिया या उससे अधिक आयातित वाहनों पर यह शुल्क 80,000 रुपये तक होगा।

मंत्रालय ने फरवरी 2025 में इस संशोधन का मसौदा जारी किया था और इसे 21 अगस्त 2025 को अंतिम रूप दिया गया। 

सुप्रीम कोर्ट का हालिया निर्देश

इस फैसले के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया था कि दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन रखने वालों के खिलाफ फिलहाल कोई कठोर कार्रवाई न की जाए। अदालत ने यह टिप्पणी दिल्ली सरकार की उस दलील पर की थी, जिसमें कहा गया था कि केवल गाड़ी के निर्माण वर्ष को आधार बनाकर नीतियां लागू करना उचित नहीं है। इसके बजाय गाड़ियों के वास्तविक उपयोग और स्थिति को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

सरकार का मानना है कि पुराने वाहनों से प्रदूषण का स्तर बढ़ता है और सड़क सुरक्षा को भी खतरा होता है। साथ ही, इन वाहनों का रखरखाव मुश्किल और महंगा होता है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ती है। यही वजह है कि केंद्र ने पुराने वाहनों के नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी का फैसला लिया है, ताकि लोग इन्हें सड़क पर लंबे समय तक न चलाएं।

आम लोगों पर असर

इस फैसले से उन लोगों पर सीधा असर पड़ेगा, जो शौक या मजबूरी में पुराने वाहन चला रहे हैं। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों और छोटे कस्बों में 20 साल से पुराने वाहन अभी भी बड़ी संख्या में उपयोग में हैं। शुल्क बढ़ने के बाद इन्हें नवीनीकृत करना महंगा हो जाएगा। वहीं, आयातित वाहन रखने वालों को पहले से कहीं ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।