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मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर 6 महीने तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके बाद ग्राहकों में अफरा-तफरी मच गई। शुक्रवार बैंक की अंधेरी (विजयनगर) शाखा के बाहर बड़ी संख्या में खाता धारक जमा हो गए।
आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंक की वित्तीय अनियमितताओं और पर्यवेक्षी चिंताओं को देखते हुए की है। आरबीआई ने बैंक को नए ऋण देने, जमा स्वीकार करने, किसी भी प्रकार का भुगतान करने और संपत्तियों की बिक्री जैसी सभी गतिविधियों से रोक दिया है।
ग्राहकों के लिए बड़ा झटका – निकासी पर रोक
आरबीआई के अनुसार, बैंक की मौजूदा तरलता (Liquidity) स्थिति को देखते हुए ग्राहकों को बचत और चालू खातों सहित किसी भी खाते से पैसा निकालने की अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि, ग्राहक अपने जमा धन को ऋण भुगतान के लिए समायोजित कर सकते हैं।
आरबीआई के आदेश के बाद मुंबई के अंधेरी स्थित विजयनगर ब्रांच सहित अन्य शाखाओं के बाहर ग्राहकों की लंबी कतारें देखी गईं। विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिक इस फैसले से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। ग्राहकों ने शिकायत की कि बैंक उनके सवालों का जवाब नहीं दे रहा है और कस्टमर सपोर्ट सेवाएं और बैंक का ऐप भी काम नहीं कर रहा।
खाताधारकों ने क्या कहा?
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सीमा वाघमारे नामक खाताधारक ने कहा कि "हमने कल ही पैसे जमा किए थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा... उन्हें हमें बताना चाहिए था कि ऐसा होने वाला है... वे कह रहे हैं कि हमें 3 महीने के भीतर हमारा पैसा मिल जाएगा... हमें ईएमआई चुकानी है, हमें नहीं पता कि हम यह सब कैसे करेंगे..."
खाताधारक ने आगे बताया कि 'बैंक लॉकर के उपयोग के लिए ग्राहकों को सिर्फ कूपन वितरित कर रहा है। बैंक ने उन्हें तीन महीने के भीतर पैसे मिलने का आश्वासन दिया है।'
एक अन्य ग्राहक ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, "मैं पिछले 22 सालों से इस बैंक का ग्राहक हूं। मेरा और मेरी पत्नी का अकाउंट यहीं है। अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हमारे सारे पैसे बैंक में जमा हैं, अब खर्चे के लिए कुछ भी नहीं है। हमें बताया गया कि 90 दिन तक इंतजार करना होगा, लेकिन इतने दिनों तक हम क्या करेंगे?"
ग्राहकों का कहना है कि अगर आरबीआई को बैंक पर कोई कार्रवाई करनी थी तो पहले ग्राहकों को सूचित किया जाना चाहिए था। इस अचानक उठाए गए कदम से हजारों ग्राहक प्रभावित हो रहे हैं।
बांद्रा स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के एक दूसरे ग्राहक ने कहा, "हम रोजमर्रा के खर्चों के लिए बैंक पर निर्भर हैं। अचानक पैसे निकालने पर रोक लगा देना बहुत गलत है। पहले ही हमें अलर्ट किया जाता तो हम अपने पैसे की सुरक्षा कर सकते थे।"
न्यू इंडिया बैंक की ग्राहक विद्या ने कहा, "मेरे सारे फिक्स्ड डिपॉजिट यहीं हैं। अब अचानक कहा जा रहा है कि कुछ नियमों के तहत ही पैसे निकाल सकते हैं। हमें पहले से जानकारी दी जानी चाहिए थी, ताकि हम अपनी आर्थिक स्थिति संभाल सकें।"
RBI ने क्यों उठाया ये कदम?
आरबीआई ने स्पष्ट किया कि ये प्रतिबंध बैंक में हाल ही में सामने आई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लगाए गए हैं। हालांकि, यह बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने का आदेश नहीं है। बैंक प्रतिबंधों के तहत सीमित बैंकिंग कार्य जारी रख सकता है।
आरबीआई ने यह भी कहा कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक को कर्मचारियों के वेतन, किराया, बिजली बिल जैसे आवश्यक खर्चों की अनुमति दी जाएगी, लेकिन किसी भी नए ऋण, निवेश या देनदारियों को बिना पूर्व स्वीकृति के जारी करने की अनुमति नहीं होगी।
ग्राहकों को मिलेगा 5 लाख तक का बीमा क्लेम
हालांकि, राहत की बात यह है कि पात्र जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत ₹5 लाख तक की जमा राशि पर बीमा कवर मिलेगा। यानी, प्रत्येक पात्र जमाकर्ता को अधिकतम ₹5 लाख तक की राशि का भुगतान किया जाएगा।
अगले छह महीनों तक लागू रहेगा प्रतिबंध
आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक, 13 फरवरी 2025 से बैंक पर ये प्रतिबंध प्रभावी होंगे और छह महीने तक लागू रहेंगे। इस दौरान बैंक की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की जाएगी और आवश्यकतानुसार आगे के फैसले लिए जाएंगे।
समाचार एजेंसी आईएएनएस इनपुट के साथ