नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बुधवार को वित्त वर्ष 2025-26 की पहली बाई-मंथली मोनेटरी पॉलिसी मीटिंग में रेपो रेट को लेकर बड़ी घोषणा कर दी है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स कटौती का ऐलान कर दिया, जिससे अब यह 6.25% से घटकर 6% हो गया है। रेपो रेट घटने का असर लोन पर पड़ेगा। इससे लोन सस्‍ता होगा। लोन सस्‍ता होने पर  आम आदमी को काफी राहत मिलेगी क्‍योंकि इससे उसकी ईएमआई का बोझ घटेगा।

-लोन पर ब्याज दरें घटेंगी: बैंकों को आरबीआई से सस्ते दरों पर पैसा मिलेगा, जिससे वे होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आदि पर ब्याज दरें कम कर सकते हैं। इससे ईएमआई (EMI) कम होगी और लोगों की मासिक बचत बढ़ेगी। छोटे व्यवसायियों और उद्यमियों को भी सस्ते लोन मिलेंगे, जिससे निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।

- खर्च और निवेश में वृद्धिः सस्ते लोन से उपभोक्ताओं की खरीदारी क्षमता बढ़ती है, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी। इससे उत्पादन और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि हो सकती है। होम लोन और ऑटो लोन सस्ते होने से इन क्षेत्रों में मांग बढ़ सकती है।

- महंगाई दबाव कम होगा: रेपो रेट कम होने से आर्थिक गतिविधियाँ तेज होती हैं, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में स्थिरता आ सकती है।

- बचत और निवेश पर असर: ब्याज दरें घटने से बचत खातों और FD पर रिटर्न कम हो सकता है, लेकिन यह लोगों को निवेश के अन्य विकल्पों (जैसे शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड) की ओर प्रेरित कर सकता है।

- रुपये की लिक्विडिटी बढ़ेगीः सस्ते लोन से बाजार में नकदी की उपलब्धता बढ़ती है, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलती है।

रेपो रेट को समझिए

अगर आप नहीं जानते कि रेपो रेट क्या होता तो आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जिस ब्याज दर पर बैंकों को लोन देता है उसे ही रेपो रेट कहते हैं। इसलिए रेपो रेट कम होने से बैंक को कम ब्याज पर लोन मिलेगा और बैंकों के लोन सस्ता हो जाएंगा तो इसका सीधा फायदा ग्राहकों को होगा। आज से ट्रंप का 26% टैरिफ भारत पर लागू हो रहा है और ऐसे मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की ये बैठक काफी अहम माना जा रहा है। बता दें कि इस कमेटी में 6 सदस्य होते हैं, 3 RBI के होते हैं और बाकी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।

EMI पर क्या होगा असर?

रेपो रेट घटने का सीधा असर आपके होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की ईएमआई पर पड़ेगा। बैंक अब आरबीआई से सस्ते ब्याज पर लोन लेंगे, जिससे वे ग्राहकों को भी कम ब्याज पर लोन देंगे। इसका मतलब है कि अब आपकी ईएमआई पहले से कम हो सकती है।