अब इन 4 आसियान देशों में UPI से कर सकेंगे लेनदेन, आरबीआई ने किया करार

आरबीआई एक नई योजना प्रोजेक्ट नेक्सस में शामिल हो गया है। ये योजना अलग-अलग देशों के बीच झटपट पैसे भेजने और मंगवाने को आसान बनाने के लिए बनाई गई है।

Now transactions can be done through UPI in these 4 ASEAN countries, RBI signed agreement

Now transactions can be done through UPI in these 4 ASEAN countries, RBI signed agreement

मुंबईः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) एक नई योजना "प्रोजेक्ट नेक्सस" में शामिल हो गया है। ये योजना अलग-अलग देशों के बीच झटपट पैसे भेजने और मंगवाने को आसान बनाने के लिए बनाई गई है। इसमें हर देश की अपनी तेज पेमेंट सिस्टम को एक दूसरे से जोड़ा जाएगा।

आरबीआई ने कहा कि नेक्सस बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के इनोवेशन हब द्वारा परिकल्पित है जिसका उद्देश्य भारत के यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) को आसियान सदस्यों - मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड की तेज पेमेंट सिस्टम से जोड़ना है। भविष्य में इंडोनेशिया भी इस योजना में शामिल होने वाला है।

भारत के इस योजना में शामिल होने के बाद अब आप इन देशों में रहने वाले लोगों को आसानी से पैसे भेज और मंगवा सकेंगे। पेमेंट उसी तरह तेज होगी जैसे भारत के अंदर यूपीआई के जरिए पेमेंट होती है।

इस बारे में जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, प्रोजेक्ट नेक्सस का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि इससे अलग-अलग देशों के बीच पैसा भेजना और मंगवाना बहुत तेज और सस्ता हो जाएगा। अभी दूसरे देश में 200 डॉलर भेजने का खर्च करीब 6.2% है। प्रोजेक्ट नेक्सस इस खर्च को कम कर देगा। ये इस बात का सूचक है कि भविष्य में देशों के बीच मिलकर काम करने से कम खर्च में तेजी से पैसा भेजा और मंगवाया जा सकेगा।

आरबीआई ने बताया कि बीआईएस और इन चार देशों के केंद्रीय बैंक -- बैंक नेगारा मलेशिया (बीएनएम), बैंक ऑफ थाईलैंड (बीओटी), बैंगको सेंट्रल एनजी पिलिपिनास (बीएसपी), मौद्रिक प्राधिकरण सिंगापुर (एमएएस), और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 30 जून, 2024 को स्विट्जरलैंड के बेसल में एग्रीमेंट साइन किया गया।

इंडोनेशिया, जो कि शुरुआती चरण से जुड़ा हुआ है, स्पेशल ऑब्जर्वर के रूप में अपनी भूमिका निभाएगा। आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि आने वाले समय में इस प्लेटफार्म को कई और देशों तक बढ़ाया जा सकता है। इसे 2026 तक लाइव किया जाएगा। नेक्सस रिटेल क्रॉस बॉर्डर में पेमेंट में बड़ी भूमिका निभाएगा। इससे भुगतान तेज और कम लागत पर किया जा सकेगा।

केंद्रीय बैंक ने आगे बताया कि वो पहले से ही दूसरे देशों की तेज पेमेंट सिस्टम्स के साथ भारत के यूपीआई को जोड़ने की कोशिश कर रहा था ताकि लोग आसानी से एक दूसरे को पैसे भेज और मंगवा सकें (चाहे वो किसी दुकानदार को पेमेंट कर रहे हों या किसी व्यक्ति को)। नेक्सस इसी कोशिश को और आगे ले जाने वाला है।

--आईएएनएस इनपुट के साथ

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