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नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को रामप्रस्था ग्रुप के निदेशकों – संदीप यादव और अरविंद वालिया – को 1,100 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने इस मामले में रामप्रस्था प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) और उसकी समूह कंपनियों से संबंधित 681.54 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां भी कुर्क की हैं।
कुर्क की गई संपत्तियों में गुरुग्राम के सेक्टर 37D, सेक्टर 92 और 95 में रामप्रस्था सिटी की 226 एकड़ में फैली प्लॉटेड कॉलोनियां शामिल हैं। इसके अलावा, गुरुग्राम के बसाई, गडोली कलां, हयातपुर और वज़ीरपुर में लगभग 1,700 एकड़ के भूमि पार्सल भी कुर्क किए गए हैं।
ऐसे हुआ फंड का दुरुपयोग
गिरफ्तारी से पहले, ईडी ने सोमवार को सुबह में ही संदीप यादव और अरविंद वालिया (जो रामप्रस्था ग्रुप के निदेशक और प्रमोटर हैं) के दिल्ली और गुरुग्राम स्थित तीन आवासीय और व्यावसायिक ठिकानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत तलाशी ली थी।
ईडी की जांच से पता चला है कि रामप्रस्था प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 'प्रोजेक्ट एज', 'प्रोजेक्ट स्काईज', 'प्रोजेक्ट राइज' और 'रामप्रस्था सिटी' सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए 2,000 से अधिक घर खरीदारों से लगभग 1100 करोड़ रुपये एकत्र किए थे। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके प्रमोटरों और निदेशकों ने इन निधियों का उपयोग घर खरीदारों को उनके वादे के अनुसार घर पूरे करने के बजाय, भूमि पार्सल की खरीद के लिए अग्रिम भुगतान के रूप में अपनी समूह कंपनियों को 'मोड़' दिया।
चौंकाने वाली बात यह है कि 15-20 साल बीत जाने के बावजूद, इन फ्लैटों/प्लॉटों का कब्जा अभी तक खरीदारों को नहीं दिया गया है।
आरपीडीपीएल और उसके प्रमोटरों के खिलाफ कई घर खरीदारों की शिकायतों के आधार पर, यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दिल्ली और हरियाणा पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर से निकला है। ईडी ने बताया कि घर खरीदारों ने आरोप लगाया था कि आरपीडीपीएल और उसके प्रमोटर – जैसे अरविंद वालिया, बलवंत चौधरी और संदीप यादव – वादे के अनुसार समय-सीमा के भीतर फ्लैट और प्लॉट देने में विफल रहे। मामले में आगे की जांच जारी है।
ईडी ने गूगल और मेटा को भी भेजा समन
इसी बीच, 19 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ने सट्टेबाजी ऐप्स से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग की चल रही जांच के सिलसिले में तकनीकी दिग्गजों मेटा (Meta) और गूगल को भी नोटिस जारी किया है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, 21 जुलाई को दोनों कंपनियों को ईडी के दिल्ली मुख्यालय में पेश होने को कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सट्टा एप्स के विज्ञापन चल रहे थे, जो अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।