आज के डिजिटल जमाने में सबकुछ बस कुछ क्लिक की दूरी पर है। ट्रेन और फ्लाइट के टिक बुकिंग से लेकर बैंकिंग ट्रांसजैक्शन तक ऑनलाइन खूब हो रहे हैं। ऐसे में साइबर धोखाधड़ी भी तजी से बढ़ रही है। भारत में ही साल 2023 में लगभग 10 लाख से ज्यादा साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज किए गए और अब पिग बुचरिंग (pig butchering) एक नया स्कैम सामने आया है जो पिछले कुछ महीनों से खूब सुर्खियों में है। साइबर ठग इसका इस्तेमाल इन दिनों तेजी से कर रहे हैं।
‘पिग बुचरिंग’ स्कैम क्या है?
बहुत सरल शब्दों में समझें तो पिग बुचरिंग ऑनलाइन ठगी का एक नया तरीका है जिसमें स्कैमर्स साइबर चोरी के लिए खास तौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। इसके नाम से ही अगर समझे तो ये ऐसी ठगी है जिसमें पीड़ित के पैसे चुराने (बुचरिंग, काटने) से पहले उसे दोस्ती, प्रलोभन और नए ऑफर्स आदि का झांसा देकर ‘मोटा’ (भरोसे में लेना) किया जाता है। कुल मिलाकर इतना समझिए आपके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी अजनबी की प्रोफाइल से आया ‘हलो, नमस्ते’ आदि आपको कब बड़े संकट में डाल देगा, ये आप समझ भी नहीं पाएंगे।
‘पिग बुचरिंग’ स्कैम कैसे अंजाम देते हैं स्कैमर्स?
अब से कुछ साल पहले तक गलत नंबरों से मैसेज आ जाना या कॉल आना बहुत कम होता था। हालांकि, अब अज्ञात लोगों से कॉल, टेक्स्ट मैसेज और सोशल मीडिया सहित डेटिंग ऐप्स पर फ्रेंडशिप आम होने जैसा वाकया बनता जा रहा है। स्कैमर्स इसी का फायदा उठाते हैं। कोई स्कैमर आपसे ऑनलाइन या सोशल मीडिया के जरिए जुड़ेगा और जैसे-जैसे ऑनलाइन संबंध आगे बढ़ेंगे, वह आपके व्यक्तिगत जीवन सहित निवेश को लेकर चर्चा शुरू करेगा। बातों-बातों में वह आपके लिए कुछ आकर्षक निवेश के मौके भी सुझाएगा।
यह सारी बातें इतने आम और चरणबद्ध तरीके से हो रही होंगी, पहले किसी ठगी का शक भी आपको नहीं होगा। निवेश के अलावा फर्जी नौकरी के ऑफर भी दिए जाएंगे। स्कैमर आपको विदेश में किसी कंपनी में अच्छी पोजिशन दिलाने की भी बात करेगा और इन सबके बीच आप पर अपना भरोसा और मजबूत करने के लिए आपको भावनात्मक तरीके से भी सहारा देने के नाटक करेगा।
स्कैमर्स कई बार किसी बड़े वित्तीय संस्थानों या कंपनी की नकल वाले ऐप और वेबसाइट भी तैयार करते हैं ताकि जब आप वहां जाएं तो आपको लगे कि सबकुछ सही है। इस पूरे खेल में स्कैमर्स का सबसे बड़ा हथकंडा होता है कि आप पर भावनात्मक तरीके से अपना विश्वास कायम कर लें। कई बार वे रोमांटिक अंदाज में तो कई बार एक दोस्त के रूप में खुद को प्रस्तुत करने की कोशिश करेंगे। आपकी दिनचर्या, रोजमर्रा के जीवन, पारिवारिक या पेशेवर परेशानियों से जुड़ी बातें पूछेंगे और आपसे अपना भावनात्मक जुड़ाव अनुभव कराने की कोशिश करेंगे। कुछ महीनों में यह सबकुछ इतनी बार होगा कि जिस शख्स से आप कभी मिले ही नहीं, उसके इरादों पर संदेह करना छोड़ देंगे।
इसके बाद असली खेल शुरू होता है। एक बार भरोसा पूरी तरह कायम हो जाने पर वित्तीय ठगी की कोशिश शुरू की जाती है। यह ठगी किसी फर्जी निवेश, फर्जी नौकरी के ऑफर या किसी अन्य तरीके से भी हो सकती है। स्कैमर्स का मकसद बस यही होता है कि ज्यादा से ज्यादा पैसे आपसे निकलवा लिए जाएं। जब तक आपको ठगे जाने का अहसास होगा, संभवत: आप अपनी गाढ़ी कमाई का ज्यादातर हिस्सा खो चुके होंगे।
‘पिग बुचरिंग’ से कैसे बचें?
खुद को जागरूक बनाए रखें: किसी भी प्रकार के वित्तीय धोखाधड़ी से खुद को बचाने के लिए पहला कदम यही है कि आप जागरूक बने रहें। आप अपने ख्याल में यह रखें कि इस तरह की घटनाएं होती हैं। इससे आप अलर्ट रहेंगे और बहुत देर होने से पहले आप उन्हें पहचान सकेंगे।
हमेशा जांच-परख कर कदम बढ़ाएं: यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन किसी निवेश या नौकरी का सुझाव देता है, तो उस पर अच्छी तरह से रिसर्च करें। कंपनी या ऑफर को ऑनलाइन देखें, उससे जुड़े रिव्यूज पढ़ें और यह भी देखें कि क्या यह मान्यता प्राप्त है। कोई कुछ भी सलाह दे, विश्वसनीय स्रोतों से क्रॉस-वेरिफिकेशन जरूर करें। जिस कंपनी या इंवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म का वे जिक्र कर रहे हैं, उसकी वेबसाइट, लाइसेंसिंग, ग्राहकों का रिव्यू, सोशल मीडिया में उपस्थिति आदि कई एंगल से जांच करें।
ऑनलाइन दोस्तों से सतर्क रहें: जिन लोगों से आपने अभी-अभी बात करना शुरू किया है, या उन्हें व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानते हैं, उनसे बात करते समय हमेशा सतर्क रहें। खासकर यदि वे वित्तीय मामलों या निवेश के बारे में बात करना शुरू करते हैं तो सतर्क हो जाएं। अनजान लोगों से वित्तीय मामलों पर चर्चा करने से बचें।
व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करें: कभी भी अपने व्यक्तिगत या वित्तीय विवरण जैसे बैंक खाते का विवरण, पासवर्ड और अन्य संवेदनशील जानकारी किसी ऐसे व्यक्ति के साथ साझा न करें जिससे आप अभी-अभी ऑनलाइन मिले हों। व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से स्कैमर्स के लिए आपके बैंक खातों को हैक करना आसान हो जाता है। इसलिए इस बात से सावधान रहें कि आप इसे किसके साथ साझा करते हैं।
जल्दबाजी में वित्तीय निर्णय न लें: यदि आप पर जल्दबाजी में निवेश करने या नौकरी के अवसर के लिए भुगतान करने का दबाव डाला जा रहा है, तो यह एक बड़ा खतरा है। स्कैमर्स हमेशा कोशिश करते हैं आपके सामने सोचने का ज्यादा समय नहीं दिया जाए। इसलिए वे जल्द से जल्द आपको पैसे के भुगतान के लिए कहते हैं। इससे बचें। कोई भी निवेश करने या व्यक्तिगत विवरण साझा करने से पहले किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिस पर आप भरोसा करते हैं जैसे कि परिवार का कोई सदस्य जो इन विषयों के बारे में जानता है। किसी पेशेवर वित्तीय सलाहकार की भी मदद ले सकते हैं।