मुंबई: नागपुर में पेट्रोल पंप मालिकों ने साइबर घोटाले के मामले में बैंक खातों को फ्रीज किए जाने के विरोध में पूरे शहर में डिजिटल भुगतान पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। डीलरों ने साइबर धोखाधड़ी और बैंक खातों को ब्लॉक किए जाने का हवाला देते हुए चेतावनी दी है कि वे 10 मई से UPI, कार्ड भुगतान के साथ-साथ भुगतान के सभी डिजिटल तरीकों से भुगतान पर प्रतिबंध को अपना लेंगे। 

विदर्भ पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन (VPDA) के अध्यक्ष अमित गुप्ता के अनुसार कई बार साइबर अपराधी फर्जी डिजिटल लेनदेन का उपयोग करके पेट्रोल भरते हैं और राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के बाद अपने खाते ब्लॉक करवा लेते हैं। नागपुर टुडे की रिपोर्ट के अनुसार ऐसे में पेट्रोल पंप मालिकों के बैंक खाते जब्त किए गए हैं।

'गलती किसी और की...सजा किसी और को'

रिपोर्ट में आगे दावा किया गया है कि ऐसी धोखाधड़ी चोरी किए गए UPI आईडी, डेबिट/क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके की जाती है। इससे पंप मालिक मुसीबत में फंसते हैं और उनकी अपनी ही बैंक खातों तक पहुंच प्रतिबंधित कर दी जा रही है। 

फेडरेशन ऑफ महाराष्ट्र पेट्रोल डीलर एसोसिएशन (FMPDA) का नेतृत्व करने वाले उदय लोध के अनुसार यह विरोध उन घटनाओं से भड़का, जिसमें साइबर अपराध अधिकारियों ने विदर्भ के कुछ पेट्रोल पंपों पर अवैध भुगतान के बारे में पता लगाया और फिर बिना किसी पूर्व सूचना के पेट्रोल पंप मालिकों के खाते फ्रीज कर दिए गए।

लोध ने कहा, 'ये भुगतान हमारे आउटलेट पर बेचे गए उत्पादों के लिए किए गए थे। हम खुदरा विक्रेता हैं, जांचकर्ता नहीं। हम भुगतान करने वालों की पृष्ठभूमि कैसे जान सकते हैं?'

वीपीडीए ने चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति रही तो पेट्रोल पंपों को सभी डिजिटल भुगतान विकल्पों को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और इससे ग्राहकों को भारी असुविधा होगी। वीपीडीए के अनुसार आज से समय में 60 प्रतिशत भुगतान कैशलेस हो रहा है।