अगर आप के पास भी कोई गाड़ी है और वह पुरानी हो गई है तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, हाल में केंद्र सरकार ने देश के राज्यों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे पुरानी गाड़िओं की स्क्रैपिंग को बढ़ावा दें और इसके लिए लोगों को जागरूक करें।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, पुराने और अनफिट गाड़ियों के स्क्रैपिंग को बढ़ावा देते हुए देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों ने नई गाड़िया खरीदने वालों को छूट देने की बात कही है।
ऐसे में पुरानी गाड़ियों को डंप कर नई गाड़ियां लेने वाले लोगों को करीब 25 फीसदी तक रोड टैक्स में छूट मिल सकता है। कई राज्यों द्वारा यह छूट देना शुरू हो गया है और बाकी के राज्यों में इसे लेकर विचार किया जा रहा है। आंकड़ों की अगर माने तो अब तक करीब 70 हजार ऐसी गाड़ियों की पहचान कर उन्हें नष्ट कर दिया गया है जो पुरानी हो गई थी।
दिल्ली में गाड़ियां हो जाती है ऑटोमैटिकली अनरजिस्टर्ड और स्क्रैप
पूरे भारत में दिल्ली ही एक ऐसा राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है जहां पर गाड़ियों के 10 और 15 साल होने पर वे ऑटोमैटिकली अनरजिस्टर्ड हो जाती हैं और फिर इन्हे स्क्रैप करना पड़ता है।
इकोनॉमिक टाइम्स ने टाइम्स ऑफ इंडिया का हवाला देते हुए बताया है कि देश के 17 ऐसे राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने 15 फीसदी रोड टैक्स में छूट की बात कही है। यह छूट उन लोगों को मिला है जो पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप कर नई कमर्शियल या ट्रांस्पोर्ट व्हीकल का रजिस्ट्रेशन करवाया था।
कौन राज्य कितना दे रहा है छूट
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप कर नई निजी गाड़ियों को खरीदने वाले को 25 फीसदी और कॉमर्शियल व्हीकल के खरीदारों को 15 फीसदी तक की छूट मिल रही है।
इस छूट को राज्य सरकार देगी जो मोटर व्हीकल या रोड टैक्स पर दिया जाएगा। देश में 12 राज्य ऐसे हैं जो निजी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर रोड टैक्स पर 25 फीसदी की छूट दे रहे हैं।
अगर बात करें हरियाणा की तो यहां की सरकार रोड टैक्स पर 10 फीसदी की रियायत दे रही है या फिर स्क्रैप की कीमतों के 50 फीसदी, इन दोनों में से जो भी कम रकम होगी, उसे छूट के तौर पर दिया जाएगा।
वहीं उत्तराखंड भी हरियाणा की तरह गाड़ी खरीदने वालों को छूट दे रही है। यहां पर पुरानी गाड़ियों को डंप कर नई गाड़ी लेने पर राज्य सरकार 25 फीसदी की रियायत या फिर केवल 50 हजार रुपए, इन दोनों में जो भी रकम सबसे कम है, वह गाड़ी खरीदने वालों को दिया जा रहा है।
कर्नाटक में नए निजी वाहन खरीदने वालों को उनकी गाड़ी की कीमत के आधार पर उन्हें निश्चित छूट की पेशकश की जा रही है। इसके अलावा पुडुचेरी भी 25 फीसदी या फिर 11 हजार रुपए, इन दोनों में जो सबसे कम है, उसे छूट के तौर पर दिया जा रहा है।
सरकार और क्या उठा सकती है कदम
न्यूज साइट एचटी ने पिछले महीने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह कहा था कि भारत सरकार पुरानी हो चुकी गाड़ियों को स्क्रैप न कर उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के प्रयासों को प्रोत्साहित करने या फिर इस तरह के बदलाव पर समर्थन देने पर विचार कर सकती है।
हालांकि पूरे देश में भारत सरकार की गाड़ियों के स्क्रैप करने वाली नीति पर सही से अमल नहीं किया ज रहा है। इस वजह से केंद्र राज्य सरकारों पर दबाव दे रही है।
उदाहरण के तौर आप कर्नाटक सरकार की वाहन स्क्रैपिंग नीति को देख सकते हैं जिसे दिसंबर 2022 में लागू किया गया था। डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु में इस नीति की रफ्तार काफी धीमी रही है और केवल कुछ ही गाड़ियां इसके पात्र हुई थी और वे स्क्रैप हो पाईं हैं।