अगले एक साल में 25,500 के पार पहुंच सकता है निफ्टी, रिपोर्ट में दावा

रिपोर्ट में कहा गया कि तेजी की स्थिति में इंडेक्स 27,590 और उम्मीद से कम तेजी की स्थिति में इंडेक्स 24,831 तक पहुंच सकता है। वैसे हाल में निफ्टी में कुछ गिरावट देखने को भी मिली है।

Indian Share Market

Photograph: (आईएएनएस)

मुंबई: वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच निफ्टी अगले 12 महीने में 25,521 के स्तर को छू सकता है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई। वित्तीय सर्विसेज फर्म पीएल कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि छोटी अवधि में हॉस्पिटल, फार्मा, रिटेल, एफएमसीजी, बैंकों, डिफेंस और पावर सेक्टर लीड कर सकते हैं।

ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि नया अनुमान पहले के अनुमान 25,689 से कम है। ब्रोकरेज फर्म को भारत की लंबी अवधि की स्टोरी में विश्वास है और हम उम्मीद करते हैं कि प्रमुख सेक्टर बाजार को मजबूती और सपोर्ट प्रदान करेंगे।

पीएल कैपिटल ने रिपोर्ट में कहा कि मजबूत घरेलू संकेतों और नीतिगत सुधारों के समर्थन के कारण वैश्विक झटकों से बाजार उभरने में सफल रहेगा और वृद्धि दर मजबूत रहेगी।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि तेजी की स्थिति में इंडेक्स 27,590 और उम्मीद से कम तेजी की स्थिति में इंडेक्स 24,831 तक पहुंच सकता है।

ट्रेड वार के चलते हाल में दिखी है गिरावट

2025 में अब तक निफ्टी में 3.8 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखने को मिली है। इसकी वजह वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ना और अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वार बढ़ना है।

निकट भविष्य में, रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि घरेलू अर्थव्यवस्था पर केंद्रित क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है, "इनमें हॉस्पिटल, घरेलू फार्मा, रिटेल, चुनिंदा एफएमसीजी कंपनियां, बैंक, डिफेंस और बिजली शामिल हैं।"

आईटी, सीमेंट, कैपिटल गुड्स और कंज्यूमर बिजनेस जैसे क्षेत्रों में भी स्थिर वृद्धि बने रहने का अनुमान है, क्योंकि कंपनियां बदलते माहौल के अनुकूल खुद को ढालना जारी रखेंगी।

रिपोर्ट में बताया गया है, "वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव, विशेष रूप से कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव, कुछ क्षेत्रों के लिए अल्पकालिक चुनौतियां पैदा कर सकता है।"

वैश्विक मोर्चे पर, भारत द्वारा यूएसए के साथ एक व्यापार समझौता करने की उम्मीद है, जिसमें ऑटो, कंज्यूमर गुड्स, डिफेंस, तेल और गैस, शराब और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में सकारात्मक डेवलपमेंट हो सकता है।

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