नैसकॉम ने कर्नाटक सरकार से विवादास्पद आरक्षण विधेयक वापस लेने की मांग की, कहा-कपंनियां कर सकती हैं राज्य से पलायन

नैसकॉम ने कहा, विधेयक के प्रावधानों से कंपनियों के पलायन और स्टार्टअप का दम घुटने का खतरा है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर टैलेंट की कमी होने पर कंपनियां दूसरे राज्यों में जाने के लिए मजबूर होंगी।

एडिट
NASSCOM asked Karnataka govt to withdraw controversial reservation bill organization said companies can flee state

नैसकॉम (फाइल फोटो-IANS)

नई दिल्ली: देश की 250 अरब डॉलर की टेक इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन नैसकॉम ने बुधवार को कहा कि वह कर्नाटक सरकार के एक विधेयक में उस प्रस्ताव को लेकर चिंतित है जिसमें राज्य की निजी कंपनियों में नौकरी में कन्नड़ लोगों के लिए आरक्षण का प्रावधान है।

विधेयक से हैं चिंतित नैसकॉम 

नैसकॉम और इसके सदस्यों ने कहा कि वे इस प्रावधान से निराश हैं और कर्नाटका स्टेट एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल इंडस्ट्रीज फैक्ट्रीज एस्टेब्लिशमेंट एक्ट बिल, 2024 को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय स्तर पर कुशल टैलेंट की कमी होने पर कंपनियां राज्य छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगी। आईटी उद्योग के शीर्ष संगठन ने कहा, "नैसकॉम के सदस्य विधेयक के प्रावधानों को लेकर बेहद चिंतित हैं। वे राज्य सरकार से इसे वापस लेने की मांग करते हैं।"

कंपनियां कर सकते हैं पलायन और स्टार्टअप का घुट सकता है दम-नैसकॉम

नैसकॉम ने कहा,"विधेयक के प्रावधानों से कंपनियों के पलायन और स्टार्टअप का दम घुटने का खतरा है, खासकर जब कई और वैश्विक कंपनियां राज्य में निवेश पर विचार कर रही हैं। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर टैलेंट की कमी होने पर कंपनियां दूसरे राज्यों में जाने के लिए मजबूर होंगी।"

आईटी उद्योग के शीर्ष संगठन की यह मांग

टेक उद्योग के शीर्ष संगठन ने कहा कि चैंबर के सदस्यों और सरकारी अधिकारियों के बीच एक बैठक होनी चाहिए जिसमें सदस्य अपनी चिंताओं से सरकार को अवगत करा सकें और कर्नाटक की प्रगति को पटरी से उतरने के रोका जा सके। वैश्विक स्तर पर आईटी क्षेत्र में टैलेंट की काफी कमी है, और कर्नाटक में बड़ी संख्या में उनकी मौजूदगी के बाद भी राज्य इसका अपवाद नहीं है।

नैसकॉम ने और क्या कहा है

नैसकॉम ने कहा, "टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हब बनने के लिए राज्यों को दोहरी नीति पर काम करना होगा। उन्हें दुनिया भर के टैलेंट के लिए खुद को आकर्षक बनाना होगा और औपचारिक तथा वोकेशनल शिक्षा के माध्यम से राज्य में मजबूत टैलेंट पूल तैयार करना होगा।"

सीएम सिद्दारमैया ने अपने पोस्ट को किया है डिलीट

इस बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने सोशल मीडिया से अपने उस पोस्ट को डिलीट कर दिया है जिसमें उन्होंने राज्य की सभी निजी कंपनियों में ग्रुप 'सी' और 'डी' की नौकरियों में कन्नड़ लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मंगलवार को एक्स पर यह पोस्ट किया था।

कर्नाटक के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में टेक्नोलॉजी सेक्टर का योगदान 25 प्रतिशत है। राज्य की विकास दर और प्रति व्यक्ति आय के राष्ट्रीय औसत से ज्यादा होने में इस क्षेत्र का बड़ा योगदान है।

(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article