ओला इलेक्ट्रिक पर छाई नई मुसीबत, सड़क परिवहन मंत्रालय ने शुरू की जांच, क्या है पूरा मामला?

ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ शिकायतों की संख्या हाल के महीनों में तेजी से बढ़ी है। इन शिकायतों में सेवा की गुणवत्ता, ग्राहक सहायता, और उत्पाद की विश्वसनीयता जैसे मुद्दे शामिल हैं। मंत्रालय इस बात को सुनिश्चित करना चाहता है कि ओला इलेक्ट्रिक भारत के उभरते ईवी बाजार में अपेक्षित मानकों का पालन कर रहा है।

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नई दिल्लीः इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निर्माता ओला इलेक्ट्रिक अब एक नई मुसीबत में फंसती नजर आ रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने कंपनी की सेवाओं और संचालन से जुड़ी शिकायतों की गहन जांच शुरू करने का निर्णय लिया है।

मंत्रालय इस हफ्ते औपचारिक जांच की प्रक्रिया आरंभ करेगा और ओला इलेक्ट्रिक से विस्तृत रिपोर्ट की मांग करेगा। यह कदम ग्राहकों की बढ़ती चिंताओं का समाधान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। बिजनेस टुडे टीवी के सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय का यह कदम हाल के समय में आई शिकायतों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

गिरती सेवा गुणवत्ता और बढ़ती शिकायतें

ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ शिकायतों की संख्या हाल के महीनों में तेजी से बढ़ी है। इन शिकायतों में सेवा की गुणवत्ता, ग्राहक सहायता, और उत्पाद की विश्वसनीयता जैसे मुद्दे शामिल हैं। मंत्रालय इस बात को सुनिश्चित करना चाहता है कि ओला इलेक्ट्रिक भारत के उभरते ईवी बाजार में अपेक्षित मानकों का पालन कर रहा है।

इस जांच का समय भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वर्तमान में ईवी क्षेत्र उपभोक्ताओं के ध्यान का केंद्र बना हुआ है। लोग पारंपरिक वाहनों के विकल्प के रूप में अधिक विश्वसनीय और टिकाऊ इलेक्ट्रिक वाहनों की तलाश कर रहे हैं।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की पहले से ही कार्रवाई

ओला इलेक्ट्रिक को पहले से ही केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) से शो-कॉज नोटिस प्राप्त हुआ है, जो उपभोक्ता अधिकारों के संभावित उल्लंघनों को उजागर करता है। यह नोटिस विशेष रूप से कंपनी की जिम्मेदारी से संबंधित है, जिसमें प्रभावी और पारदर्शी ग्राहक सेवा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। इस नोटिस ने ओला इलेक्ट्रिक की ग्राहक शिकायतों के समाधान करने की क्षमता पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया है।

ओला इलेक्ट्रिक ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सीसीपीए का नोटिस उसकी वित्तीय या परिचालन गतिविधियों को प्रभावित नहीं करेगा। कंपनी को 15 दिनों के भीतर प्राधिकरण के समक्ष अपना उत्तर प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, और वह निर्धारित समय सीमा के भीतर आवश्यक दस्तावेज भी प्रस्तुत करने की योजना बना रही है।

 एक साल में ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ 10,644 शिकायतें

हालांकि, सड़क परिवहन मंत्रालय की नई जांच कंपनी पर बढ़ते दबाव को और बढ़ा सकती है। ओला इलेक्ट्रिक पहले से ही राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर दर्ज की गई शिकायतों का सामना कर रही है। उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा संचालित इस हेल्पलाइन पर पिछले एक साल में ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ 10,644 शिकायतें आई हैं, जिनमें अथॉरिटी की ओर से मैन्युफैक्चरिंग संबंधित खराबी, बुकिंग के रद्द होने पर रिफंड नहीं देना, सर्विसिंग के बाद भी खराबी आना, बैटरी से साथ कई समस्याएं आना, अधिक पैसे वसूल करने जैसी शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है।

ग्राहकों की क्या है शिकायत?

पिछले कई महीनों से ओला के स्कूटर्स को लेकर ग्राहकों की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। उपभोक्ता सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर से संबंधित समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, जिससे कंपनी की प्रतिष्ठा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने ओला की बिक्री में भी गिरावट दर्ज की गई है, जो कई कारणों से उत्पन्न हुई है।

इस बीच,  ओला के शेयरों में भी गिरावट आई। मंगलवार कारोबार की शुरुआत में शेयर गिरकर 86 रुपये पर पहुंच गया था, लेकिन बाद में इसमें हल्की रिकवरी देखने को मिली और सुबह 10:44 के करीब यह 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 89 रुपये पर था। गिरावटों में और वृद्धि हुई जब जब कंपनी के सीईओ भाविश अग्रवाल और स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के बीच सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई। सोशल मीडिया पर इस टकराव के प्रति यूजर्स की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। कुछ यूजर्स ने दोनों के बीच की बहस पर चुटकुले कसे, जबकि अन्य ने ओला की स्थिति को लेकर चिंता जताई।

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