माइक्रोमैक्स ने मिलाया ताइवान की कंपनी से हाथ, भारत में स्टोरेज चिपसेट के डिजाइन और विनिर्माण पर होगा काम

माइक्रोमैक्स इंफॉर्मेटिक्स ने ताइवान की कंपनी फिसन के साथ साझेदारी कर संयुक्त उद्यम स्थापित किया है। इसमें माइक्रोमैक्स की 55 प्रतिशत और फिसन की 45 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

एडिट
माइक्रोमैक्स ने मिलाया ताइवान की कंपनी से हाथ, भारत में स्टोरेज चिपसेट के डिजाइन और विनिर्माण पर होगा काम

स्टोरेज चिपसेट के डिजाइन और विनिर्माण के लिए माइक्रोमैक्स ने ताइवान की कंपनी से मिलाया हाथ (फोटो- AI)

नई दिल्ली: भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी माइक्रोमैक्स (Micromax) और ताइवान की स्टोरेज चिप कंपनी फिसन (Phison) ने स्थानीय स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले स्टोरेज चिपसेट मॉड्यूल के डिजाइन और निर्माण करने के लिए एक संयुक्त उद्यम MiPhi की स्थापना की है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार माइक्रोमैक्स इंफॉर्मेटिक्स के सह-संस्थापक राहुल शर्मा ने बताया कि कंपनी ने नोएडा में अपनी संयंत्र में इसका उत्पादन शुरू कर दिया है। ताइवान की फिसन (Phison) कंपनी NAND कंट्रोलर और NAND स्टोरेज प्रौद्योगिकियों में अग्रणी मानी जाती है। भारत में माइक्रोमैक्स की इस साझेदारी में 55 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय कंपनी की होगी जबकि 45 प्रतिशत हिस्सेदारी फिसन के पास रहेगी।

राहुल शर्मा के अनुसार कंपनी सर्वर के लिए स्टोरेज चिपसेट डिजाइन करने पर ध्यान देगी जो सुरक्षा और रणनीतिक दोनों दृष्टि से किसी भी देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

'भारत की विदेशी प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता घटेगी'

मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक राहुल शर्मा ने कहा, 'इस उद्यम के साथ, हमारा लक्ष्य दुनिया में सबसे कम प्रति टोकन लागत लाकर जीपीयू (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) की लागत को दसवें हिस्से तक कम करना है।' उन्होंने कहा कि भारत में कुछ प्रमुख ऑर्गनाइजेशन के साथ ट्रायल इस महीने पूरा हो जाएगा और फिर कमर्शियल शिपमेंट 2025 की पहली तिमाही में शुरू हो जाएगी।

राहुल शर्मा ने बताया, 'केवल कुछ ही कंपनियां हैं जो स्टोरेज सॉल्यूशन प्रदान कर रही हैं। यह उन देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से भारत जहां अपनी कोई स्टोरेस सॉल्यूशन कंपनी नहीं है। हमारा संयुक्त उद्यम विदेशी प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा क्योंकि हमारे पास अपना खुद का डिजाइन और विनिर्माण होगा।'

उन्होंने कहा कि कंपनी फ्रेशर्स को काम पर रखेगी और उन्हें स्टोरेज तकनीक विकसित करने के लिए प्रशिक्षित करेगी।

'तीन साल में टीम में होंगे 1000 इंजीनियर'

राहुल शर्मा ने कहा, 'हमारी कोशिश पहले भारत के लिए और फिर दुनिया के लिए डिजाइन है। हम एक टीम बना रहे हैं और उम्मीद है कि अगले 3 वर्षों में हमारे पास 1,000 इंजीनियर होंगे। फ़िसन सभी को प्रशिक्षित करेगा।' उन्होंने कहा कि कंपनी एआई एडॉप्टिव स्टोरेज सॉल्यूशंस बनाएगी।

कंपनी वेफर्स फिलहाल इस क्षेत्र में मौजूदा कंपनियों से प्राप्त करेगी और फिर उनका उपयोग स्टोरेज मॉड्यूल बनाने के लिए करेगी। कंपनी ऑटोमोबाइल, IoT, मोबाइल डिवाइस, डेटा सेंटर, आईटी हब, कंज्यूमर डिवाइस और रिमूवेबल स्टोरेज डिवाइस और सिस्टम के लिए एम्बेडेड सॉल्यूसन को ध्यान में रखते हुए पूरे भारत में स्थानीय सेल्स टीमें भी स्थापित करेगी।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article