देश की प्रमुख आईटी कंपनियों ने एक साल में 70 हजार कर्मचारियों को काम से निकाला, जानें 2024-25 वित्त वर्ष में कैसा रहेगा बाजार

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Major IT companies of country laid off 70 thousand employees in one year know how market will be in financial year 2024-25

विप्रो और इंफोसिस (फोटो- IANS)

भारत के आईटी सेवा सेक्टर में धीमी राजस्व वृद्धि के बीच, प्रमुख आईटी कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष में लगभग 70 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), विप्रो और टेक महिंद्रा समेत अन्य कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023-24 में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की।

किन-किन कंपनियों ने कितने निकाले कर्मचारी

इंफोसिस ने 25,994 कर्मचारियों को निकाला, वहीं टीसीएस ने 13,249 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया। आईटी दिग्गज विप्रो ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 6,180 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया। पूरे साल में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 24,516 की गिरावट आई।

वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में टेक महिंद्रा के कर्मचारियों की कुल संख्या 1,45,455 थी। इसमें चौथी तिमाही में 795 और पूरे साल में 6,945 की कमी आई थी।

रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ है

क्रिसिल रेटिंग्स की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, देश में आईटी सेवा सेक्टर में लगातार दूसरे वर्ष धीमी राजस्व वृद्धि की संभावना है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में पांच-सात प्रतिशत होगी।

चूंकि राजस्व वृद्धि धीमी रही, आईटी सेवा कंपनियों ने हायरिंग बंद कर दिया, जिसके चलते दिसंबर 2023 में कर्मचारियों की संख्या में एक साल पहले की तुलना में चार प्रतिशत की कमी आई।

इस वित्त वर्ष कैसा रहेगा बाजार

क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक आदित्य झावेर ने कहा कि प्रौद्योगिकी खर्च में मंदी इस वित्त वर्ष में जारी रहेगी, जिसका असर आईटी सेवा प्रदाताओं की राजस्व वृद्धि पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, "बीएफएसआई और खुदरा क्षेत्रों से राजस्व में चार-पांच प्रतिशत की धीमी वृद्धि के साथ गिरावट जारी रहेगी, जबकि विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवा में 9-10 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि होगी।" (आईएएनएस)

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