महाकुंभनगरः प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान हवाई किराए में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है। प्रमुख स्नान पर्व ‘मौनी अमावस्या’ (29 जनवरी) के मद्देनजर, जहां करोड़ों श्रद्धालु पहले ही संगम में डुबकी लगा चुके हैं, वहीं बड़ी संख्या में लोग आने की तैयारी कर रहे हैं।
दिल्ली से प्रयागराज के लिए ₹21,000 तक पहुंचा किराया
ट्रैवल पोर्टल स्काईस्कैनर के अनुसार, दिल्ली-प्रयागराज के एकतरफा टिकट का दाम ₹21,000 से ऊपर पहुंच चुका है। मुंबई से प्रयागराज की टिकट ₹22,000 से ₹60,000 तक की हो गई है। बेंगलुरु से आने वाले यात्रियों को ₹26,000 से ₹48,000 तक का भुगतान करना पड़ रहा है। सामान्य दिनों में इन मार्गों पर एकतरफा किराया करीब ₹5,000 होता है।
Ixigo के विश्लेषण के अनुसार, भोपाल-प्रयागराज रूट पर एकतरफा किराया पिछले साल के मुकाबले 498% बढ़कर ₹17,796 हो गया है। अहमदाबाद-प्रयागराज मार्ग पर किराए में 41% की वृद्धि देखी गई है।
DGCA की कार्रवाई
हवाई किराए में इस असाधारण वृद्धि को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइनों को किराए में संतुलन लाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, जनवरी के लिए 81 अतिरिक्त उड़ानों को मंजूरी दी गई है, जिससे देशभर से प्रयागराज के लिए उड़ानों की संख्या बढ़कर 132 हो गई है।
To meet increased demand for air travel to Prayag Raj during Mahakumbh, DGCA has approved 81 additional flights in January, raising Prayagraj connectivity to 132 flights from across India.
— DGCA (@DGCAIndia) January 25, 2025
उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा है कि वे हवाई किराए में इस अचानक वृद्धि के मुद्दे को गंभीरता से देखेंगे। उन्होंने कहा, “हम इस विषय पर ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि हवाई यात्रा आम लोगों के लिए अधिक सुलभ और सस्ती हो सके।”
मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ की उम्मीद
13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 12 करोड़ से अधिक लोग हिस्सा ले चुके हैं। महाकुंभ का यह आयोजन 26 फरवरी तक चलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, रविवार को ही 1.17 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में यात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ हवाई किराए में अचानक उछाल पर कई आलोचकों ने इसे मुनाफाखोरी करार दिया है।
एयरलाइंस ने इस वृद्धि को मांग और आपूर्ति का परिणाम बताया है, लेकिन यात्रियों का कहना है कि त्योहारों के दौरान हवाई किराए में बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश बनाए जाने चाहिए।