नई दिल्लीः इंफ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग सेक्टर की कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) पर ₹173.24 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना भोपाल के केंद्रीय माल और सेवा कर और सेंट्रल एक्साइज के जॉइंट ​कमिश्नर ने 2017-18 से 2021-22 तक के आकलन वर्षों के लिए लगाया है। कंपनी ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला लिया है और इसे अपने वित्तीय प्रदर्शन पर कोई असर नहीं होने की उम्मीद जताई है।

वित्तीय विवरणों और जीएसटी रिटर्न के बीच मिसमैच

कंपनी ने 28 नवंबर 2024 को प्राप्त एक बयान में बताया कि यह जुर्माना 27 नवंबर 2024 को जारी किए गए एक आदेश के तहत लगाया गया है, जो वित्तीय विवरणों और जीएसटी रिटर्न के बीच मिसमैच को लेकर है। इसमें गैर-कर योग्य लेनदेन, इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावों और उनकी वापसी को लेकर विवाद है।

यह जुर्माना केंद्रीय माल और सेवा कर (CGST) अधिनियम, 2017 की धारा 122 के तहत लगाया गया है। कंपनी ने इस फैसले से असहमत होते हुए इसे अपीलीय प्राधिकरण में चुनौती देने का निर्णय लिया है। कंपनी का मानना है कि यह विवाद केवल व्याख्यात्मक मतभेदों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कर चोरी नहीं है।

कंपनी जुर्माने के खिलाफ करेगी अपील

लार्सन एंड टुब्रो ने स्पष्ट किया है कि वे कर मांगों और जुर्माने से सहमत नहीं हैं और इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करेंगे। कंपनी ने विश्वास जताया है कि अपील में उनका पक्ष मजबूत होगा और उन्हें सकारात्मक फैसला मिलेगा। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि इस विवाद का कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन या संचालन पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा।

कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी कर अधिकारियों को सही जवाब दिए गए थे और विवाद केवल तकनीकी अंतर के कारण उत्पन्न हुआ है, ना कि किसी कर चोरी के इरादे से। इस विवाद के बावजूद, लार्सन एंड टुब्रो के शेयरों में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई। बीएसई पर कंपनी के शेयर ₹3,725.90 पर बंद हुए, जो ₹58.25 या 1.59% की वृद्धि दर्शाता है।