नरोबी: केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने गुरुवार (21 नवंबर) को अपने राष्ट्र संबोधन के दौरान अदानी समूह से जुड़ी दो प्रमुख खरीद प्रक्रियाओं को रद्द करने की घोषणा की। रूटो ने केन्या के मुख्य हवाई अड्डे के विस्तार की परियोजना और बिजली निर्माण के लिए लगभग 62 अरब रुपए के ऊर्जा सौदे को रद्द किया है।
केन्या के राष्ट्रपति ने कहा है कि उन्होंने यह फैसला जांच एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से मिली “नई जानकारी” के आधार पर लिया है।
इसी साल अक्टूबर में 30 साल के लिए अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस और केन्या इलेक्ट्रिकल ट्रांसमिशन के बीच एक ऊर्जा सौदा हुआ था। केन्या के एक कोर्ट ने इस डील को उसी महीने में ही रद्द कर दिया था।
इससे पहले केन्या के ऊर्जा मंत्री ओपियो वांडेयी ने डील का बचाव किया था और कहा था कि इसमें कोई भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी शामिल नहीं है। बता दें कि केन्या द्वारा डील रद्द करने का ऐलान तब हुआ है जब अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी और अन्य के खिलाफ अमेरिका में धोखाधड़ी और रिश्वत देने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
अदानी ग्रुप पर क्या आरोप लगे हैं?
अमेरिकी अभियोजकों ने अदानी, उनके भतीजे सागर अदानी और अन्य पर भारत में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से संबंधित 250 मिलियन डॉलर (2029 करोड़ रुपए) के रिश्वत की पेशकश और इस मामले को छुपाने का आरोप लगाया है।
आरोप है कि यह रिश्वत भारतीय अधिकारियों को अनुबंध हासिल करने के लिए दी गई, जिसमें भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना का विकास शामिल है।
उधर अदानी ग्रुप ने आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें बेबुनियाद बताया है। इन आरोपों के बाद गुरुवार को अदानी समूह की कंपनियों के बाजार मूल्य में 2.27 खरब रुपए की गिरावट दर्ज की गई है।
अमेरिकी निवेशकों को भी गुमराह करने के आरोप लगे हैं
ग्रुप पर अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने के भी आरोप लगे हैं। आरोप के अनुसार, अदानी समेत अन्य आरोपी यह रिश्वत साल 2020 से 2024 के बीच देने के लिए तैयार हुए थे।
इस कॉन्ट्रेक्ट से कंपनी को अलगे 20 सालों में 168 अरब रुपए से अधिका का फायदा होने की उम्मीद थी। इस पर अदानी समूह ने नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए आरोपों को खारिज कर दिया है।